बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू में मची खींचतान बढ़ती ही जा रही है। उपेंद्र कुशवाहा के जदयू छोड़ने की खबरों की चर्चा जोरों पर है। और वो इस बीच लगातार सीएम नीतीश कुमार पर बयानबाजी भी कर रहे हैं। वहीं नीतीश कुमार ने भी उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया है। और कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा को जहां जाना है, वे जा सकते हैं. उन्हें जदयू में कोई नहीं रोक रहा।
जदयू के किसी पद में मेरी दिलचस्पी नहीं- उपेंद्र कुशावाहा
इन सबके बीच बुधवार को उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से मांग की है। कि लव कुश समाज के किसी भी चेहरे को लीडर के तौर पर आगे बढ़ाएं। कुशवाहा ने कहा, मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष या संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं 5 रुपए वाला जदयू का प्राथमिक सदस्य बनकर रहूंगा। लेकिन पार्टी से बाहर के किसी चेहरे को बढ़ाना ठीक नहीं है। बिहार की जनता ये कभी भी स्वीकार नहीं करेगी।
उपेंद्र कुशवाहा का इशारा बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की ओर था। नीतीश कुमार ने पिछले दिनों विधायक दल की बैठक में कहा था कि 2025 में महागठबंधन को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लीड करेंगे। उन्हें ही महागठबंधन को आगे बढ़ाना है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने काफी मेहनत से बिहार को खौफनाक दौर से निकाला है। वे बिहार का भला चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग उन्हें घेरकर उनसे गलत काम करवा रहे हैं।
नीतीश कहें तो दे दूंगा इस्तीफा- उपेंद्र कुशवाहा
इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू के प्रदेश अध्यक्ष की उस टिप्पणी का भी खंडन किया, जिसे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने भी दोहराया था। कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के प्राथमिक सदस्य से अधिक कुछ नहीं थे। यह पार्टी के पत्र हैं जो मुझे संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में संदर्भित करते रहे हैं। मैंने हमेशा कहा है कि यह एक बच्चे के खिलौने से ज्यादा कुछ नहीं है। और जेडीयू के शीर्ष नेताओं ने इसे मान्य किया है। मैं यहां किसी पद से चिपके रहने के लिए नहीं हूं। अगर नीतीश कुमार कहते हैं, तो मैं सभी पदों से इस्तीफा दे दूंगा।
बिहार जदयू अध्यक्ष का उपेंद्र कुशवाहा पर हमला
इससे पहले जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा था कि पार्टी में उपेंद्र कुशवाहा एक प्राथमिक सदस्य से ज्यादा कुछ नहीं है। सीएम नीतीश कुमार के सामने उनका कोई कद नहीं है। उन्हें पार्टी की मर्यादा की कोई समझ नहीं है। जिस तरह से वह बोलते रहे हैं, उन्होंने सारी गरिमा खो दी है। उनका न तो कोई सिद्धांत है और न ही कोई विचारधारा। जेडीयू लव-कुश का घर है, और वे नीतीश कुमार से परे नहीं सोच सकते। यही बात बीजेपी को नागवार गुजर रही है। कुशवाहा उनकी गोद में खेल रहे हैं और जल्द ही उन्हें इसके नतीजों का एहसास होगा।
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