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बिहार: कर्ज में डूबी महिला, डीएम से बोली.. महाजन से परेशान हूं, पूरे परिवार के साथ कर लूंगी सु’साइड

बिहार के नवादा में महाजन से परेशान होकर एक परिवार के सभी छह लोगों की आत्मह’त्या का मामला अभी थमा भी नहीं था कि अब बेगूसराय की एक महिला ने बैंक की मनमानी के कारण महाजन के तगादा से परेशान होकर सपरिवार आत्मह’त्या करने का आवेदन डीएम को दिया है।दरअसल, बेगूसराय डीएम द्वारा शुक्रवार को आयोजित जनता दरबार में पहुंची एक महिला ने यह फ़रियाद लगाया कि यह महाजन के तगादे से परेशान हैं, लेकिन इसके पास पैसे का जुगाड़ नहीं हो पा रहा है। ऐसे में यदि उसके प्रति सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो वह आत्मह’त्या कर लेगी।

जानकारी के अनुसार, खोदावंदपुर थाना क्षेत्र के दौलतपुर निवासी मनोज ठाकुर की पत्नी शोभा देवी ने बताया कि 2020 में उसे प्रधानमंत्री आवास योजना दिया गया था। खाता से दो किस्त की राशि निकालने के बाद जब मैं तृतीय किस्त के लिए बैंक गई तो प्रबंधक द्वारा कहा गया कि आपके खाता को भोपाल साइबर सेल द्वारा लॉक कर दिया गया है। कई बार इसके लिए बैंक और ऑफिस का चक्कर लगाने के बावजूद मेरा खाता अनलॉक नहीं किया गया।

इसके आगे उन्होंने बताया कि, इस बीच आवास सहायक ने घर निर्माण पूरा नहीं करने पर कार्रवाई होने की बातें कहीं तो मैंने कर्ज लेकर घर का निर्माण पूरा कर लिया। उसके बाद दो वर्षों से बीडीओ, एसडीओ, डीएम और बैंक सहित सभी जगह दौड़ लगा रही हूं। लेकिन कहीं से मेरे समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। महिला ने कहा कि महाजन सूद के पैसा का तगादा कर रहे हैं, जिसके कारण मेरे बच्चे और पूरा परिवार तंग आ गए हैं, अब मेरे पास आत्मह’त्या करने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है। जल्द से जल्द मेरे खाता को अनलॉक कर पैसा निकालने की अनुमति नहीं दी गई तो 15 दिसम्बर को मैं सपरिवार आत्म’दाह कर लूंगी।

वहीं, महिला ने कहा कि ऑफिस का चक्कर लगाने में और भी कर्ज बढ़ता गया। लेकिन दो वर्षों से कोई न्याय नहीं दिला रहे हैं। शोभा देवी ने बताया कि इससे पहले 23 जुलाई 2021 को भी डीएम साहब को आवेदन देकर खाता से पैसा निकासी प्रक्रिया शुरू करवाने का अनुरोध किया। लेकिन कोई फायदा नहीं मिल रहा है। जिसके कारण तनाव ग्रस्त जीवन पूरी तरह से तबाह हो गया है। मजदूरी की राशि भी खाता में आता है, वह पैसा भी नहीं निकाल पाते हैं। ऐसे में महाजन के तगादा से परेशान होकर अब आत्मह’त्या करने के सिवा और कोई विकल्प नहीं है। जिसके बाद अब इस मामले में सरकारी प्रक्रिया, न्याय प्रक्रिया और शासन प्रणाली पर सवाल उठना शुरू हो गया है।

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