बिहार में बिजली बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में इजाफा हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में एक करोड़ 20 लाख उपभोक्ताओं ने बिजली बिल जमा किया है। विगत वित्तीय वर्ष की छमाही की तुलना में यह 32 फीसदी अधिक है। आंकड़ों में देखें तो पिछले वर्ष की तुलना में इस बार छह महीने में 29 लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने बिजली बिल का भुगतान समय से किया।
बिजली बिल जमा करने में हो रही वृद्धि पर ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा है कि राजस्व संग्रह में नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। बिना उपभोक्ताओं के सहयोग के यह संभव नहीं है। हम उपभोक्ताओं का आभार व्यक्त करते हैं।
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस ने कहा कि कोरोना महामारी से उबरने के बाद बिजली कंपनियों की ओर से घर बैठे बिजली बिल जमा करने की व्यवस्था की गई थी। कंपनी ने समय से बिल भुगतान करने पर 1.5 फीसदी और ऑनलाइन राशि जमा करने पर एक फीसदी अतिरिक्त छूट दी। प्रीपेड उपभोक्ताओं के लिए यह छूट 3 फीसदी है।
प्रधान सचिव ने कहा कि बिजली कंपनियों द्वारा राजस्व संग्रहण करने के लिए सभी बकाएदारों को लगातार नोटिस भेजा जा रहा है। बिल जमा नहीं करने पर कनेक्शन काटा जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से बिल सुधार तथा बिल जमा करने के लिए उपभोक्ताओं को प्रेरित किया जा रहा है। बिजली कंपनियों के राजस्व संग्रह में 30 फीसदी यानी 1,716 करोड़ का अभूतपूर्व उछाल आया है।
1 नवंबर को 10वें वार्षिक स्थापना दिवस पर कुछ प्रतिबद्ध उपभोक्ताओं को सम्मानित किया जाएगा। हाल में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं को उनके स्वीकृत लोड (विद्युत भार) को संशोधित करने के लिए विनियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर की गई है। इसमें स्मार्ट प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं को छह माह का समय देने का प्रस्ताव है। इस अवधि में जुर्माने की अवधि देय नहीं होगी।
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