पटनाः राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुकाबले के लिए समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों से एकजुट होने का आह्वान किया है और इस दिशा में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यू) के नेता नीतीश कुमार की ओर से बिहार में की गई पहल पर प्रसन्नता जाहिर की है।
भाजपा ‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” का मुखौटा
राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की राजधानी में दो दिवसीय बैठक में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में भाजपा को ‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” का मुखौटा करार देते हुए कहा गया है कि इस मुखौटे की आड़ में संघ अपनी विचारधारा को लागू करने की कोशिश कर रही है। यह विचारधारा संकीर्ण और कट्टरपंथी है, इसमें समता, स्वतंत्रता और भाईचारे तथा धर्मनिरपेक्षता के लिए कोई जगह नहीं है।”
लालू प्रसाद की अध्यक्षता में परिषद द्वारा सोमवार को अनुमोदित प्रस्ताव में विपक्षी एकता के बारे में कहा गया है, ‘‘आज समय की मांग है कि लोकतंत्र, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और संविधान में विश्वास करने वाले समान विचारधारा वाले राजनीतक दलों को एकसाथ आकर भाजपा की संकीर्ण, कट्टरपंथी और जनविरोधी राजनीति का मुकाबला करना चाहिए।”
लालू-नीतीश की सार्थक पहल पर व्यक्त की प्रसन्नता
राजद की राष्ट्रीय परिषद में इस दिशा में पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस दिशा में सार्थक पहल पर प्रसन्नता व्यक्त की है। राजद की परिषद ने विश्वास जताया है,‘‘ राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों की एकजुटता 2024 के लोकसभा चुनाव में देश को फासीवादी एवं निरंकुश सत्ता से मुक्ति दिलाएगी।”
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने अगस्त में भाजपा का साथ छोड़कर बिहार में राजद और कांग्रेस का साथ पकड़कर सरकार बदल दी जिससे वहां भाजपा सत्ता से बाहर हो गई है। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आर्थिक, सामाजिक और विदेश नीति पर भी प्रस्ताव पारित किए गए। सामाजिक प्रस्ताव में पार्टी ने जाति जनगणना की आवश्यकता को दोहराया है।
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