दरभंगा: जिले में बारिश नहीं होने से जनजीवन पूरी तरह पटरी से उतर गया है। भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप लोगों पर कहर ढा रही है। शहर के कई मोहल्ले फ्लू की चपेट में आ गए हैं। गर्मी की वजह से लोगों के शरीर का तापमान अचानक बढ़ जा रहा है। वहीं इलाज के लिए रोजाना डीएमसीएच में मरीजों की लंबी लाइन लगती है।
निजी क्लिनिकों में भी फ्लू और बुखार के मरीज बढ़ गए हैं। बारिश के लिए लोग आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। गुरुवार को डीएमसीएच के सेंट्रल ओपीडी में सुबह से मरीजों की लंबी कतार लगी थी। दोपहर दो बजे तक विभिन्न विभागों में चिकित्सकों ने 1735 से अधिक मरीजों का इलाज किया।
इनमें से 500 से अधिक मरीज मेडिसिन और 175 मरीज से अधिक मरीज शिशु रोग विभाग में पहुंचे थे। इनमें से अधिकतर बुखार से पीड़ित थे। वहीं फ्लू की चपेट में आने से कई मरीजों की आंखें लाल हो गई थी। अधिकतर मरीजों और उनके परिजनों ने बताया कि भीषण गर्मी की वजह से उनके शरीर का तापमान काफी बढ़ गया है। कई अन्य ने बताया कि बुखार और आंखों में लालीपन से पीड़ित होने के चलते वे इलाज के लिए पहुंचे है। बता दें कि गुरुवार को डीएमसीएच ओपीडी में सामान्य दिनों में हजार से 12 सौ मरीज मरीज पहुंचते हैं।
कटहलबाड़ी के युवक ने बताया कि दो दिन पहले उन्हें बुखार हुआ था। अगले दिन घर के सभी अन्य सदस्य भी बीमार पड़ गए। डॉक्टरों ने बताया कि वे फ्लू से पीड़ित हैं। तापमान अधिक बढ़ने व चिलचिलाती धूप की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं। वहीं बच्चे का इलाज कराने पहुंचे पंडासराय के सोनू महतो ने बताया गर्मी की वजह से उनकी पांच साल की बेटी के शरीर का तापमान अचानक बढ़ गया। पानी पिलाने पर उसे उल्टी होने लगी। बच्ची को लेकर इलाज के लिए डीएमसीएच आए हैं।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ओम प्रकाश ने बताया कि गर्मी के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाने से डॉक्टरों क्लीनिक में बुखार के मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोगों में यह सिर्फ शरीर का तापक्रम बढ़ने तक जाने तक सीमित रहता है। अगर शरीर में पानी की कमी रहे तो लू लगने के भी आसार रहते हैं। बचाव के लिए आवश्यक है कि जहां तक संभव हो ठंडे रूम में रहें।
वातावरण ठंडा रखने के लिए पेड़-पौधे को लगाएं। खिड़कियों पर पर्दे लगाकर रखें। पंखा-एसी का इस्तेमाल करें। कूलर से हवा में नमी बढ़ जाने से दरभंगा जैसी जगह में नुकसान की आशंका ज्यादा रहती है। अगर घर से बाहर जाना हो तो पूरा शरीर ढंककर रखें, छाते का इस्तेमाल करें। भरपेट भोजन कर और पानी पीकर ही निकलें। नवजात या छोटे बच्चों को तो घर से बाहर नहीं निकालना बेहतर है। नवजात को मां का दूध ज्यादा देर, ज्यादा बार पिलाने से तापक्रम बढ़ने पर भी उन्हें नुकसान नहीं हो पाता।
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