महिला सशक्तिकरण को लेकर बिहार राज्य का भ्रमण करने को 26 जून से नालंदा की अपर्णा निकली हुई है। वह साइकिल से बिहार के सभी राज्यों का भ्रमण करेगी। इस दौरान नारी सशक्तिकरण का संदेश भी दे रही है।
महिलाओं को सशक्त करने का उद्धेश्य
शुक्रवार को 15 जिलों की यात्रा करते हुए अपर्णा बेगूसराय पहुंची। इसके बाद समस्तीपुर के लिए निकल चुकी है। अपर्णा ने बताया कि नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देना उनका थीम है। समाज में महिलाएं सशक्त हो रही है। बहुत बड़े बड़े लेवल पर पहुंच चुकी हैं। लेकिन ज भी समाज में कुछ दबी कुचली हुई महिलाएं हैं। जो अपनी इच्छा से स्वतंत्र तरीके से नहीं जी पा रही हैं। उनको संदेश देना है कि मैं एक लड़की होकर अकेले साइकिल से पूरा बिहार घूम सकती हूं। तो आप लोग भी हर कुछ कर सकते हैं।
वह जिस जिले में जाती है समय मिलने पर वहां के स्कूल में छात्रों से मिलकर उसे पर्यावरण से जुड़ने के लिए और छात्राओं को सशक्त बनाने के लिए मोटिवेशनल बातें सुनाती है। साथ ही साथ जिलाधिकारी से मिलकर अपने थीम के बारे में जानकारी देती हैं। उसने बताया कि अभी तक हर जिला में सामाजिक स्तर से काफी सपोर्ट मिल रहा है, जिससे सुखद महसूस होता है।
केरल और नेपाल की साइकिल से कर चुकी है यात्रा
स्नातक की छात्रा अपर्णा ने बताया कि वह इस यात्रा से पहले बिहार से केरल 3306 किलोमीटर की दूरी 28 दिन में तय कर चुकी है। हाल ही में वह 9 मार्च को साइकिल से ही नेपाल गई थी। पोलूशन फ्री इंडिया की थीम के साथ वह केरल तो बेटियों को बढ़ावा देने की थीम के साथ नेपाल का सकुशल साइकिल यात्रा पूरा कर चुकी है। अपर्णा के घर में उसकी मां के अलावा उससे बड़े भाई और बहन है। बड़ी बहन बीएड कर रही है। वहीं, भाई मेडिकल लैब टेक्नीशियन है। साल 2013 में उसके पापा का असामयिक निधन हो गया था । बावजूद वह हिम्मत न हारकर मजबूती के साथ मां बहन और भाई के सपोर्ट से अपूर्व नारी सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रही है।
बेगूसराय में लोगों ने छात्रों से किया भव्य स्वागत
अपर्णा ने बेगूसराय के जीरोमाइल गोलंबर स्थित राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को माल्यार्पण भी किया। वहां पर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ताओं व छात्राओं ने अपर्णा का स्वागत किया। साथ ही अपर्णा ने सभी को अपने थीम के बारे में जानकारी देकर मोटिवेट भी किया । इससे पहले बेगूसराय शहर में मटिहानी के विधायक विधानसभा के सचेतक राजकुमार सिंह ने अपर्णा के इस प्रयास की काफी सराहना की उसे संबल प्रदान किया साथ ही साथ बुके से उसका स्वागत भी किया।
शुरू में घर के अगल-बगल के लोगों से सुनना पड़ता था ताना
अपूर्वा ने बताया कि जब वह फर्स्ट टाइम 2020 में साइकिल यात्रा शुरू की थी । इसके बाद गांव के समाज के लोगों से बहुत कुछ ताना सुनने के लिए मिलता था। इतना ही नहीं उनकी मां को भी लोग तरह तरह की बातें सुनाया करते थे। उसने बताया कि उस समय मैंने मां को कहा था कि किसी भी लोगों की बात पर ध्यान देने की कोई भी जरूरत नहीं है। जब रिजल्ट आने लगेगा तो सभी लोग खुद ब खुद चुप हो जाएंगे आज वही हो रहा है। जब नेपाल और केरल की सकुशल खोज यात्रा कर घर लौटी तो जो लोग ताना मारते थे वही लोग सीख लेने की बात कह रहे हैं।
स्कूटी एक्सीडेंट होने के बाद साइकिलिंग करने की ठानी
अपर्णा ने बताया कि वह साल 2020 में भोपाल में स्कूटी से शहर घूम रही थी। इसी क्रम में उसका सड़क हा’दसा हो गया था । जिसके बाद से उसके मन में ख्याल आया कि साइकिल से घूमने में ज्यादा बेहतरी होगी प्रकृति के पास जा सकेंगे और हम लोग शुद्ध वातावरण का नजारा देख सकेंगे।
गांव की और भी लड़कियां साथ आना चाहती है
अपर्णा के साइकिल से खोज यात्रा पूरी करने के बाद उसके ही गांव के और आसपास की कई लड़कियों से संपर्क कर रही है। वह भी इससे सीख कर एडवेंचर और साइकिलिंग करना चाहती है। उसने बताया कि बहुत सारी लड़कियां मेरे साथ बिहार भ्रमण पर निकलना चाहती थी। मैंने सभी को मना किया और बोला कि मैं पहले साइकिल से एक्सप्लोर करके आती हूं । उसने बताया कि यह काफी आसान नहीं है सड़क पर चलना खतरों से भरा हुआ है। अभी 15 जिला की भ्रमण पूरा कर बेगूसराय से समस्तीपुर की ओर जा रही हूं क्या पता मैं वापस लौटूं या न लौटूं।
शिक्षक बनकर समाज में लाना चाहती है परिवर्तन
वह शिक्षक बनना चाहती है जिससे समाज में लड़कियों के बीच नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में मदद मिलेगा।वह आजीवन शिक्षक बनकर समाज में नारियों के बीच काम करना चाहती है।
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