बिहार के छपरा में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के आदेश पर खनन बंद है, लेकिन इसके बावजूद यहां बालू माफिया सक्रिय हैं और सरकार के राजस्व को चूना लगा रहे हैं. बालू माफिया के वर्चस्व को तोड़ने के लिए शनिवार को जिलाधिकारी (डीएम) राजेश मीणा और पुलिस अधीक्षक (एसपी) संतोष कुमार के नेतृत्व में सदर प्रखंड के रायपुर बिंदगांवा में संयुक्त रुप से छापमारी की गई जिसमें 39 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
साथ ही यहां से 11 ट्रक, दो लोडर मशीन, छह मोटरसाइकिल जब्त की गई. एसपी संतोष कुमार ने बताया कि बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने के उद्देश्य से यह कारवाई की गई है. बिहार सरकार के आदेश के अनुसार अवैध खनन भंडारण पर रोक को लेकर जिला प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है.
बीते 27 मई से लाल बालू के खनन पर तीन महीने तक के लिए पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है जिसके बाद सरकारी स्तर पर लाल बालू की बिक्री रोक दी गई है. मगर इसके बावजूद भी सारण और भोजपुर जिले में जगह-जगह लाल बालू का अवैध भंडारण किया जा रहा है. शनिवार को सारण के डीएम व एसपी और भोजपुर के डीएम समेत तमाम आला अधिकारी और पुलिसबल के साथ आरा-छपरा पुल के नीचे दियारा क्षेत्रों में हो रहे अवैध भंडारण को लेकर छापेमारी की गई.
लाल बालू के अवैध कारोबार को बंद करने के लिए जिला प्रशासन ने न सिर्फ बालू को जब्त किया बल्कि उन पर कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही. साथ ही यह भंडारण कहां से होता है इसकी भी जांच की जाएगी. वैसे अवैध भंडारण करने वाले व्यवसायियों के ऊपर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि लाल बालू पर पाबंदी लगने से इन दिनों बालू की कीमत आसमान छूने लगा है. इस वजह से आम लोगों के लिए घर बनाना ज्यादा खर्चीला साबित हो रहा है.
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