मधुबनी : प्रखंड क्षेत्र में करीब पांच हजार से अधिक रकबा में आम के बगीचे लगे हुए हैं। लेकिन मई माह की शुरुआत होते ही आम के वृक्षों पर फलों को नुकसान पहुंचाने के लिए मक्खियों का प्रको’प में धीरे धीरे वृद्धि हुई है। आम के बागवानों एवं किसानों को फल मक्खियों के आक्र’मण से परेशान कर दिया है।
किसानों ने बताया कि विगत दो दशक से अप्रैल माह के मध्य से लेकर जुलाई तक विभिन्न प्रकार के फल मक्खियां आम के फल पर आक्र’मण कर अंडा डालते रहते हैं। जिसके कारण आम के फल पर काला दाग एवं चित्ती दिखाई देता है।आम सड़कर गिर जाता है।
किसानों ने बताया कि खाशकर मिठे रसीले आम पर फल कीटों का प्रको’प अधिक होता है। फल की सुरक्षा के बारे में उद्मान विशेषज्ञ संजीव कुमार झा ने बताया कि आम के बगीचे में अवांछित पौधे एवं घास की सफाई करना है। फल मक्खियों के प्रभाव से सड़े हुए आम को चुनकर मिट्टी में गाड़ देना है।उन्होंने जैविक विधि से फल कीटों के नियंत्रण के बारे में किसानों को सुझाव दिया है कि ताड़ी को मिट्टी के वर्तन में लेकर पेड़ के उपर टहनी में बांध देना है।
ताड़ी में गुड़ मिलाकर कीटनाशक दवा डाल देना है। ताड़ी की महक पर आकर्षित होकि फल मक्खी वर्तन में गिर जायेंगे। बहुत ज्यादा नुकसान होने की परिस्थिति में रसायनिक कीटनाशी का पेड़ एवं नीचे भूमि पर छिड़काव करने से रोकथाम हो सकता है। फेरोमोन ट्रेप की सहायता से भी इस पर रोकथाम की जा सकती है।
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