देश के अधिकतर हिस्सों में पेट्रोल और डीजल के दाम 100 रुपये के पार पहुंच चुके हैं। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच ये अनुमान लगाया जा रहा था कि सरकार टैक्स कटौती के जरिए राहत देगी।
मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार फिलहाल राहत देने के मूड में नहीं है। इस मामले से लोगों ने कहा कि सरकार ईंधन की कीमतों में वृद्धि के प्रभाव को कम करने के लिए टैक्स कटौती करने को इच्छुक नहीं है।
ख़बरों के मुताबिक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती के लिए तेल मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के सामने टैक्स राहत देने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, वित्त मंत्रालय इस पक्ष में नहीं है। हाल ही में वित्त और तेल मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ-साथ तेल कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने बैठक की थी। इस बैठक में टैक्स कटौती को लेकर चर्चा हुई थी।
बता दें कि 22 मार्च से पेट्रोल-डीजल के दाम 10 रुपये बढ़ने के बाद अभी पिछले आठ दिन से शांत हैं। हालांकि इस दौरान कच्चा तेल 108 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है।
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