बिहार में बाल विवाह कानू’नन जु’र्म हैं। इस सामाजिक कुरी’ति पर रो’क लगाने के लिए बिहार सरकार अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत यह खबर सामने आई हैं कि भागलपुर में अपनी मोहब्बत को ब’चाने की बात पर आ’शिक की बगा’वत की कहानियां कई हैं, लेकिन भागलपुर में पिछले एक साल में जो कहानियां रची गयी हैं, वह सारी कहानियों से अलग हैं।मिली जानकारी के अनुसार, यहां ब्वॉय फ्रेंड हर महीने अपनी-अपनी नाबा’लिग प्रेमिका’ओं की शादियां रो’कवा रहे हैं। मामला बा’ल विवाह का होने के कारण ऐसे प्रेमियों को स्थानीय प्रशासन का भी साथ मिल रहा है।
ख़बरों के मुताबिक, पिछले एक साल में 26 बालिकाओं की शादी किसी न किसी द्वारा प्रशासन को सूचना देने के बाद रो’की गयी और अभिभावकों से शपथ-पत्र लिया गया कि वे अपनी बेटी की शादी 18 की उम्र के बाद करेंगे। इनमें लगभग 10 शादियां ब्वॉय फ्रेंड द्वारा दी गयी सूचना पर रो’की गयीं हैं। जिन शादियों को प्रशासन द्वारा रोकी गयी, उनमें अधिकतर केस में यह बात सामने आयी कि माता-पिता को उनकी बेटी के भाग जाने का डर था। इसलिए शादी कर रहे हैं। बेटियों की शादी के मामले में आंकड़ों के अनुसार जिले में 42.4 फीसदी शादी नाबा’लिग अवस्था में ही हो जाती है।
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