छपरा : तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी की मांग करते हुए दिल्ली के सीमा पर चल रहे आंदोलन के समर्थन में लोकनीति सत्याग्रह किसान जन जागरण पदयात्रा शनिवार को छपरा पहुंची।
जानकारी हो कि उड़ीसा के 550 किसान संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय समन्वय समिति के सदस्य अक्षय कुमार के साथ उत्तरप्रदेश के बनारस लिए निकले हैं।
छपरा प्रवास के दौरान पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे नव निर्माण किसान संगठन, उड़ीसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अक्षय कुमार ने बताया कि आज से 104 वर्ष पहले महात्मा गांधी बिहार के मोतिहारी में कांट्रेक्ट फार्मिंग यानी नील की खेती का विरोध करने के लिए आये थे, आज फिर से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए किसानों को बाध्य करके उनकी जमीनों पर कब्ज़ा करने वाला कृषि कानून केंद्र सरकार लायी है।
इसी के विरोध में दस महीने से किसान धरना पर बैठे हैं, लेकिन सरकार के कान पर जूं नही रेंग रही है। उसी सत्ता के शीर्ष को जनता की और किसानों की आवाज़ सुनाने के लिए 20 अक्टूबर को बनारस पहुंचने का लक्ष्य है।
श्री कुमार ने बताया कि इसके पूर्व भी वह किसानों, नौजवानों और छात्रों के साथ किसान आंदोलन के समर्थन में शामिल होने जा रहे थे, तब योगी सरकार ने उन्हें रोक दिया था। इस बार भी वह उत्तर प्रदेश जा रहे हैं। अगर उत्तरप्रदेश में घुसने दिया गया तो फिर वह प्रधानमंत्री के कैम्प कार्यालय तक जाएंगे और कृषि बिल का विरोध करेंगे।
छपरा में संयुक्त किसान मोर्चा के जिला समन्वयक अजय सिंह, वामपंथी नेता अरुण सिंह, विकास तिवारी और दिनेश सिंह की मौजूदगी में पदयात्री उत्तरप्रदेश के लिए रवाना हो गए।
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