ओमप्रकाश दीपक
मुजफ्फरपुर। नगर निमग के पास पैसे की कमी नहीं है। सिर्फ काम कराने वाले लोगों का अभाव है। शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए चार साल पहले आये 1180 करोड़ रुपये बैंक की शोभा की वस्तु बने हुए थे। अब जाकर इन पैसों से काम किया जा रहा है।
इन रुपयोंे से शहर की तीन सड़कों का जीर्णोंद्धार किया जाएगा। हालांकि, 250 करोड़ रुपये अब भी बेकार पड़े हैं। निगम का यह कारनामा कई सवाल खड़े कर रहा है। आखिर यह पैसा अब तक खर्च क्यों नहीं किया गया। इन रुपयों को बैंक में रखकर काम नहीं करवाना कोई राजनीतिक साजिश तो नहीं? आखिर इन रुपयों को खर्च करने से किसने रोका? चार साल तक शहरवासियों और शहर में आनेवाले लोगों को आखिर क्यों सुविधा से वंचित रखा गया?
शहर के विकास के लिए आये रुपये बैंक में पड़े हैं और शहरवासी टूटी हुई सड़कों पर चलने को विवश। शहर में जलजमाव का घोर संकट है। इसके बाद भी पैसा रहते काम नहीं हो रहा है। शहर की जिन सड़कों पर काम होना है, उनमें बैरिया से लेकर मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन तक, स्टेशन से टाउन थाना चौक होते हुए तिलक मैदान, सरैयागंज से होते अखाड़ाघाट पुल तक सड़क बननी है।
टाउन थाना से मोतीझील होते हुए कल्याणी चौक, हरिसभा चौक, आमगोला होते हुए अधोरिया बाजार चौक तक सड़क बनायी जायेगी। इसके साथ ही नाले का भी निर्माण भी होना है।
नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष 2017 के अगस्त में स्मार्ट सिटी के लिए 1180 करोड़ रुपये आये थे। इन रुपयों से अभी तीन सड़कों का काम होगा। इसके लिए एजेंसी को काम सौंप दिया गया है। बैरिया चौक से नाला बनाने का काम भी शुरू हो गया है। लेकिन नाले में पानी भर जाने और जलजमाव की समस्या होने से काम करने में बाधा उत्पन्न हो रही है।
बरसात थमते ही काम तेजी से शुरू हो जाएगा। अगर शहर में सड़क बन गयी और नाले दुरुस्त हो गये तो शहरवासियों को जलजमाव की समस्या से निजात मिल जााएगी। अब देखना यह है कि कितनी जल्द सड़क बनकर तैयार होगी। शहर में इसका जीता जगता उदाहरण जवाहरलाल रोड है, जहां सड़क बनते ही जलजमाव की समस्या दूर हो गयी।
250 करोड़ रुपये नहीं होंगे वापस, बरसात के बाद होगा काम
250 करोड़ रुपये आईसीआईसी बैंक से लौटने के सवाल पर पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि पैसा वापस नहीं होना चाहिये। इसकी जांच करते हैं, जो भी पैसा आया है उसका काम शहर में होगा।
इधर नगर विधायक विजेन्द्र चौधरी से पैसे वापस की बात की गयी तो उन्होंने जांच के बाद कहा कि बैंक से पैसा वापस नहीं होगा। बरसात खत्म होने के बाद काम होगा। जिस मद के लिए पैसे आये हैं, उसी मद में खर्च किये जाएंगी। कोशिस की जाएगी कि अक्टूबर या नवम्बर से काम शुरू हो जाये।
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