राज्य के सभी सिविल सर्जन को पत्र द्वारा निर्देशित किया गया है कि जिले के सभी संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र) पर सप्ताह के हर गुरुवार को निर्धारित गैर-संचारी रोग दिवस के अंतर्गत स्क्रीनिंग की जानी है.

सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने बताया कि लखीसराय जिले में कुल 92 संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में कार्यक्रम चलाया जाना सुनिश्चित किया जाये. स्क्रीनिंग के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा दवा लिखने के बाद संबंधित केंद्र द्वारा उन्हें निःशुल्क दवा देने के साथ बीमारी से बचने के लिए परामर्श किया जायेगा. साथ ही जांच एवं उपचार के साथ एनसीडी पोर्टल पर ससमय कुल आंकड़ों को उपलोड भी किया जाना है.



गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अश्विनी कुमार ने बताया कि मधुमेह या उक्त रक्तचाप के रोगियों को लगातार फॉलोअप के साथ दवाओं का सेवन आजीवन करना होता है. ऐसे रोगियों के पास दवाओं का निरंतरता बनाये रखने के लिए ग्रामवार गैर-संचारी रोग के उपचार लेने वाले व्यक्तियों का लाइन-लिस्ट बनाकर प्रखंड मूल्यांकन एवं अनुश्रवण सहायक (बीएमईए) द्वारा पोर्टल पर अपलोड करने के बाद उसे प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को उपलब्ध करना है.



हर गुरुवार को साथ ही इस लिस्ट को आशा फैसिलिटेटर के माध्यम से आशा को उपलब्ध करायी जानी है, ताकि आशा के द्वारा उक्त व्यक्ति को इस कार्यक्रम के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र) तक लाकर जांच के साथ समुचित इलाज भी किया जा सके.


डॉ अश्विनी कुमार ने बताया कि गैर-संचारी रोग एक दीर्घकालिक विकार के रूप में परिभाषित किया गया है, जो पर्यावरणीय, शारीरिक, आनुवंशिक और साथ ही व्यवहार संबंधी कारकों जैसे विभिन्न कारकों के संयोजन के कारण होता है. गैर-संचारी रोग वह स्थिति है जो लोगों के बीच नहीं फैल सकती है. फिर भी इसका ससमय इलाज एवं प्रबंधन बहुत ही जरूरी है.


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