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वैवाहिक या अभिभावक विवाद में बच्चे का हित सबसे जरूरी

दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा कि अगर बच्चे के माता-पिता बीच वैवाहिक विवाद चल रहा है। ऐसे में स्कूल किसी बच्चे को स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) देने से मना नहीं कर सकता है।

होईकोर्ट का कहना है कि माता-पिता विवाद के कारण अगर स्कूल की ओर से बच्चे को ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करने में देरी की जाएगी, तो ऐसी स्थिति में स्कूल के हेडमास्टर या इंचार्ज के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

न्यायमूर्ति विकास महाजन ने कहा है कि वैवाहिक या अभिभावक विवाद में बच्चे का हित सबसे जरूरी होता है। जानकारी के मुताबिक, न्यायमूर्ति विकास महाजन की ओर से 30 अप्रैल 2025 में एक आदेश में कहा गया था कि स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) एक सप्ताह के भीतर जारी कर देना चाहिए।

कोर्ट का कहना है कि शिक्षा के अधिकार और बच्चे के सर्वोत्तम हित को प्राथमिकता देना जरूरी है। यह फैसला कोर्ट ने तब सुनाया जब अदालत एक नाबालिग बच्ची के मामले की सुनवाई कर रही थी।
दरअसल, पिछले साल अप्रैल 2024 में बच्ची की मां का अपने पति से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। गसके बाद पीड़ित महिला अपने पति से अलग होने के बाद अपनी बेटी के साथ गुरुग्राम में रहने लगी थी। बच्ची का दाखिला भी दूसरे स्कूल में करा दिया गया था।

ऐसा कहा जा रहा है कि बच्ची ने नए स्कूल में 1 साल की पढ़ाई पूरी कर ली है। लेकिन पिछले स्कूल की ओर से उसे अब तक स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) जारी नहीं किया गया है। इसकी वजह से उसका दाखिला अब भी प्रोविजनल बना हुआ है।

ऐसा सामने आया है कि स्कूल ने TC केवल इसलिए जारी नहीं किया क्योंकि बच्ची के पिता ने स्कूल को लेटर लिखकर टीसी न देने के लिए यह कहकर अनुरोध किया था, कि बच्ची के माता-पिता के बीच कानूनी विवाद चल रहा है।

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