बिहार सरकार के राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है. भागलपुर जिले में एक राजस्व कर्मचारी एक ही जमीन पर दो-दो रैयतों से लगान वसूली कर ली.

राजस्व विभाग के घोटाले के उजागर होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में राजस्व कर्मचारी योगेंद्र मंडल पर कार्रवाई की तैयारी हो रही है.

योगेंद्र मंडल ने एक ही जमीन की दो बार जमाबंदी कर दी, जिसके परिणामस्वरूप एक ही भूमि को दो अलग-अलग व्यक्तियों के नाम पर दर्ज किया गया. यह मामला ऑनलाइन प्रविष्टि से जुड़ा हुआ है. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

लेकिन खास बात यह है कि योगेंद्र मंडल सेवानिवृत्त हो चुके हैं. बिहार में भूमि रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण और जमाबंदी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं.

ऑनलाइन प्रविष्टि प्रणाली के तहत जमीन के स्वामित्व को स्पष्ट करने और विवादों को कम करने का लक्ष्य रखा गया था. हालांकि, सुल्तानगंज में सामने आए इस मामले ने इस प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिए हैं.

योगेंद्र मंडल, जो एक राजस्व कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे, पर आरोप है कि उन्होंने एक ही खसरा नंबर की जमीन को दो अलग-अलग व्यक्तियों के नाम पर जमाबंदी दर्ज की.

दोनों रैयतों से लगान की वसूली भी की जा रही है. यह कार्य न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे जमीन के स्वामित्व को लेकर गंभीर विवाद पैदा हो सकता है.

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