जिस प्रदेश में प्रति व्यक्ति औसत सालाना खर्च 20422 रुपए है, वहां 40 हजार का कुत्ता खरीदने के लिए मारामारी है। जिस शहर में हर महीने एक करोड़ के पुराने कपड़े बिकते हैं, वहां 6000 रुपए में कुत्ते की टी-शर्ट खरीदी जा रही हैं। जहां हजार में 149 लोग 300 रुपए रोज की दिहाड़ी भी नहीं कमाते, वहां 25 हजार की विदेशी बिल्ली 10 हजार कीमत के अपने बिस्तर पर सोती है।
यह कानपुर के पेट्स मार्केट की आरबीआई रिपोर्ट के साथ तुलना है, जो समाज में अमीरी-गरीबी की गहराती खाई को रेखांकित करती है। इन हालात में भी कानपुर के पेट्स मार्केट में अच्छी नस्लों के कुत्ते-बिल्ली एडवांस बुकिंग पर मिल रहे हैं। कीमतें डेढ़ से तीन गुनी तक हो गई हैं। घर की चारदी’वारी से उपजी ऊब को खत्म क’रने के चलते पिछले चार महीने में पा’लतू पशु खरीदने वालों की सं’ख्या बढ़ी है। छोटे कुत्ते, वि’देशी बिल्ली, विदे’शी चूहे और खर’गोश की मांग लगभग दस गुना बढ़ गई है। पेट्स कारो’बारियों से बात’चीत में निक’लकर यह तथ्य भी आया कि जान’वरों के प्रति सिंगल चाइल्ड परिवारों का आ’कर्षण अधिक बढ़ा है और उनकी ओर से डि’मांड भी आई है।
आल इंडिया पेट्स वेल’फेयर एसो’सिएशन के अ’ध्यक्ष विनय दी’क्षित कहते हैं, ‘ कुत्ते-बिल्लियों की मांग पह’ली बार दस गुना तक हो गई। खर’गोश, चूहा और मुनि’या तक के ग्राहक बढ़ गए हैं। लेकिन उपल’ब्धता कम है।’ब’कौल पेट्स कारोबारी- कोरोना काल में ब्री’डिंग नहीं करा सके और बा’हर से भी नहीं मंगा सके। उपल’ब्धता का संकट हुआ तो पूरा का’रोबार एडवांस बुकिंग पर आ गया। दा’मों में तीन गुना तक इजा’फा होने के साथ-साथ इंत’जार भी बढ़ा है।
इंसानों से म’हंगी कुत्ते की टी शर्ट
पालतू पशु’ओं के सजने संव’रने और आराम का अलग बा’जार है। सर्दियों में उन’के लिए सिंगल बेड, स्वेटर, टी शर्ट, जूते और जैकेट का बा’जार सज गया है। कुत्तों की टी-शर्ट 600 से 6500 रुपए तक है। बि’ल्ली का हाफ स्वेटर 4500 रुपए का है। कुत्ते का सिं’गल बेड एक से छह ह’जार रुपए तक हैं। कैट हा’उस 3 से 10 हजार रुपए में मिल रहा है। इन’के जूतों की शुरुआ’ती कीमत 300 रुपए है। डॉग डियो और पर’फ्यूम्स 1000 रुपए की हैं। इसके अला’वा हेयर कंडी’शनर और वेट वाइप्स यानी गीले रुमाल भी उन’की देखरेख के लिए बा’जार में मौजूद हैं।
भाव इस त’रह बढ़ गए
जर्मन शे’फर्ड का बच्चा 12 हजार से 22 हजार का
पामे’रियन डॉग 5 हजार से 7 हजा’र का
शिट्जू डॉग 20 ह’जार से 40 हजार का
पग 15 हजार से 24 हजार का
वीगल 15 हजार से 45 हजार का
परशियन बिल्ली 12 हजार से 20 हजार की
Be First to Comment