सीमांचल के किसानों के लिए बिहार सरकार ने चतुर्थ कृषि रोडमैप में जैविक खेती को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसको लेकर सरकार ने जैविक खेती प्रोत्साहन योजना लागू की है। सरकार की यह योजना आगे चलकर किसानों के लिए संजीवनी साबित होगी। अभी लागत के अनुरूप फसल से आय में किसान मार खा रहे हैं, लेकिन जैविक खेती की नई स्कीम में उन्हें दोहरा लाभ मिलने वाला है।
इसमें किसान जैविक खेती के तहत वर्मी कंपोस्ट व बायोगैस जैसी योजना को अपनाकर अपने फसल उत्पादन को बढ़ा सकेंगे। साथ ही वर्मी कंपोस्ट को बेचकर कमाई भी कर सकेंगे। दरअसल, चतुर्थ कृषि रोड मैप में वित्तीय वर्ष 2023-24 में सभी 38 जिले में जैविक खेती प्रोत्साहन योजना लागू की गई है। इसके लिए सरकार ने राशि की स्वीकृति भी दे दी है।
सरकार देगी 50 फीसदी अनुदान:
योजना के तहत पक्का वर्मी कंपोस्ट, व्यावसायिक वर्मी कंपोस्ट इकाई व बायो गैस प्लांट लगाया जाना है। इसमें सरकार की तरफ से 50 प्रतिशत अनुदान की भी व्यवस्था की गई है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के सभी जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देकर खेती को दीर्घकालीन व टिकाऊ बनाना, विषमुक्त अन्न का उत्पादन करना, मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा और मिट्टी में उपलब्ध लाभदायक जीवाणुओं का संरक्षण करना है। इसके अलावा फसलों के लागत मूल्य में कमी लाना, फसलों के उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि करना, किसानों के शुद्ध आय में वृद्धि करना एवं जैविक उत्पाद उपभोग को बढ़ावा देकर मानव स्वास्थ्य का संवर्द्धन करना है। किशनगंज जिले में भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पक्का वर्मी कंपोस्ट व बायो गैस की योजना का लक्ष्य तय किया गया है। इसके तहत 304 पक्का वर्मी कंपोस्ट व तीन बायो गैस का भौतिक लक्ष्य दिया गया है। वर्मी कंपोस्ट का वित्तीय लक्ष्य 15 लाख 20 हजार रुपए है। वहीं बायो गैस का वित्तीय लक्ष्य 67 हजार 5 सौ रुपए है। इसके अलावा सीमांचल के जिले पूर्णिया को 599 पक्का वर्मी कंपोस्ट व छह बायो गैस, अररिया जिले को 531 पक्का वर्मी कंपोस्ट व पांच बायो गैस व कटिहार जिले को 579 पक्का वर्मी कंपोस्ट व छह बायो गैस का लक्ष्य मिला है। इस तरह सीमांचल में जैविक खेती होने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति में भी विकास होगा।
कृषि पदाधिकारी कृष्णनंदन चक्रवर्ती ने बताया कि एक किसान एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम तीन इकाई के लिए अनुदान ले सकेंगे। इस योजना अंतर्गत वैसे किसान जो खेती कर रहे हैं एवं जिनके पास पशुधन है, सभी को गोबर गैस के प्रोत्साहन के लिए अनुदान दिया जाएगा। जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कवायद है। किसानों को पक्का वर्मी कंपोस्ट व बायो गैस पर 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। पक्का वर्मी कंपोस्ट पर लागत मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 हजार रुपए प्रति यूनिट दोनो में से जो कम हो अनुदान दिया जाएगा। गोबर गैस को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 2 घन मीटर क्षमता के लिए इसके लागत मूल्य का 50 प्रतिशत पर अनुदान दिया जाएगा।
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