पटना: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के बाद आज सोमवार को पहली बार नीतीश कुमार जनता दरबार में पहुंचे। जनता दरबार में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के गोपालगंज से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा से आए फरियादियों ने अपनी समस्याएं रखीं। लालू के इलाके में जहां सात के दशक बाद भी सड़क पक्की न बनी तो नीतीश के नालंदा में पानी की समस्या लेकर पहुंचे। फरियादी की बात सुनकर नीतीश कुमार अधिकारियों पर भड़क गए। कुल मिलाकर सीएम के जनता दरबार में कुल मिलाकर 62 समस्याओं पर सुनवाई हुई। कई मामलों में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की क्लास लगा दी।
मुख्यमंत्री के जनता दरबार में सोमवार को बड़ी संख्या में पहुंचे। दो अहम मामले नीतीश कुमार के सामने आए। गोपालगंज से आए एक फरियादी सड़क की समस्या मुख्यमंत्री के सामने रखी। गोपालगंज राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव का गृह क्षेत्र है। फरियादी के गांव में अभी तक पक्की सड़क नहीं है। यह समस्या पिछले 70 सालों से चली आ रही है। इस बीच कितनी सरकारें आई गईं मगर गांव की सड़क पक्की नहीं हुई। नीतीश कुमार ने तत्काल अधिकारियों को फोन लगाकर सड़क की समस्या का निवारण करने का निर्देश दिया।
इधर मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा के एकरंग सराय ब्लॉक से शैलेंद्र कुमार यादव नाम के एक फरियादी पहुंचे। हाथ में आवेदन आने के बाद सीएम नीतीश काफी सीरियस हो गए। फरियादी ने बताया कि वह सिंचाई के लिए पानी की समस्या को लेकर आए हैं। लघु सिंचाई विभाग द्वारा क्षेत्र में किसानों को सिंचाई की सुविधा नहीं दी जा रही है। अपने गृह क्षेत्र के फरियादी को देख सीएम खास तंज अंदाज में दिखे। उन्होंने विभागीय पदाधिकारी को फोन लगाया और तुरंत समाधान का निर्देश दिया।
इसके अलावा बिजली बिल में गड़बड़ी, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड में भुगतान नहीं, कोरोना से हुई मौत में अनुग्रह की राशि नहीं दिए जाने और जमीन पर कब्जा करने जैसी शिकायतें लोगों ने सीएम के सामने रखी गईं। मुख्यमंत्री ने सभी मामलों में पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया और सीरियस केस में उनकी क्लास भी लगाई।
एक फरियादी ने सीएम से कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की दूसरी किस्त के भुगतान के लिए पैसे की मांग की जा रही है। घूस मांगे जाने की बात सुनते ही नीतीश कुमार उखड़ गए और संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिया। औरंगाबाद में सरकारी जमीन पर लगे पेड़ को काटकर बेचने की शिकायत पर भी नीतीश कुमार अधिकारियों पर नाराज हो गए। उन्होंने मंत्री तेज प्रताप यादव के विभाग के अधिकारियों को फोन लगाया और पूछा कि आखिर पेड़ कैसे कट रहे हैं। विभाग के कर्मी अधिकारी क्या कर रहे हैं?
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