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मोतिहारी: रात्रि चौपाल के माध्यम से दी जा रही चमकी को धमकी, लोगों को किया जा रहा जागरूक

मोतिहारी: चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। जागरूकता के माध्यम से ही इसपर काबू पाया जा सकता है। इसी उदेश्य के साथ जिले में जगह-जगह रात्रि चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। इस संबंध में जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार एवं डीभीबीडीसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों के प्रभारियों को चमकी के मामलों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही लोगों को चमकी से बचाव के लिए बैनर, पोस्टर, वाहनों के सहयोग से घरों, कस्बों, बाज़ारों में स्वास्थ्य कर्मियों, आशा, नर्स, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आरबीएसके चिकित्सक के माध्यम से जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि जिले में चमकी के मामलों पर रोक लगाई जा सके ।

चमकी को धमकी के तहत रात्रि चौपाल का हुआ आयोजन:

भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमारव सत्यनारायण उराँव ने बताया कि- जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कल्याणपुर अंतर्गत एईएस प्रभावित क्षेत्र शंभू चौक वार्ड संख्या 02 में बीसीएम, आशा फैसिलिटेटर एवं आशा की उपस्थिति में संध्या चौपाल का आयोजन किया गया। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेहसी में एईएस/चमकी से बचाव हेतु रात्रि जागरूकता चौपाल महमदा वार्ड नम्बर 8 में लगायी गयी है। इस दौरान बच्चे भी चमकी को धमकी देने के तरीके सीख रहे हैं। धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि चौपाल के माध्यम से बच्चों को रात में खाली पेट नहीं सोने व धूप में नहीं निकलने व चमकी के लक्षण दिखाई देने पर बिना देरी किए सरकारी अस्पताल जाने सहित अन्य जानकारियां दी जा रही हैं ।

अस्पताल आने पर वाहन का मिलेगा किराया:

डीभीबीडीसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि चमकी के मरीजों के लिए एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। एंबुलेंस नहीं मिलने पर किसी अन्य वाहन से सरकारी हॉस्पिटल ले जाएं। हॉस्पिटल द्वारा चमकी मरीजों को लाने पर किराया का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यापक जागरूकता और ससमय इलाज द्वारा चमकी को नियंत्रित किया जा सकता है।

चमकी से बचाव के उपाय:

सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ अमृतांशु कुमार ने बताया कि बढ़ रहे तापमान में चमकी /एईएस का मामला बढ़ना तय है। इससे बचाव के लिये अभिभावक अपने बच्चे को धूप से बचाएं। रात को किसी भी हालत में भूखे नहीं सोने दें। दिन में एक बार ओआरएस घोल जरूर पिलाएं। साफ सफाई का ध्यान रखें। बच्चे को कच्चा फल नहीं खाने दें।

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