तमिलनाडु में फर्जी हिंसा का वीडियो वायरल करने के आरोप में आर्थिक अपराध इकाई ने चार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए EOU ने चार यूट्यूबर्स के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया है। जिन चार लोगों के खिलाफ EOU ने केस दर्ज किया है उसमें मशहूर यूट्यूबर मनीष कश्यप भी शामिल हैं। पुलिस ने भ्रम फैलाने वाले 30 वीडियो को चिन्हित किया है।
बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ जारी सूचना के मुताबिक आर्थिक अपराध इकाई ने यूट्यूबर मनीष कश्यप के आलावा अमन कुमार, राकेश तिवारी और युवराज सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। ईओयू की टीम ने जमुई के रहने वाले अमन कुमार को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ कर रही है। अमन कुमार पर आरोप है कि उसने पुराने वीडियो को वायरल कर भ्रम फैलाने की कोशिश की है।
पूरे मामले पर एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि आर्थिक अपराध इकाई ने 30 वीडियो को चिह्नित किया है। जिसके माध्यम से भ्रम फैलाने की कोशिश की गई है। जमुई के अमन कुमार ने सोशल मीडिया पर जो वीडियो पोस्ट किया था वह पूरी तरह से भ्रामक है। पुराने वीडियो को मौजूदा मामले से जोड़कर दिखाकर लोगों को भड़काने की कोशिश की गई है।
ADG ने कहा कि अमन ने जो वीडियो पोस्ट किए थे, वो पूरी तरह से फेक थे। उनमें से एक वीडियो सुसाइड का था, जिसे हमले में हत्या का बताया गया था। अमन ने एक-दो दिन पहले हुई घटनाओं से पुराने वीडियो को जोड़कर बनाया था। एक वीडियो उसमें ऐसा था, जिसमें दिखाया जा रहा था कि युवक की हत्या कर दी गई है। उसे मार कर लटका दिया गया है, जबकि यह सुसाइड की घटना थी और इसे हत्या दर्शाया गया। वह तमिलनाडु की ही पुरानी घटना थी, जिसे बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हुई घटना के तौर पर बताया गया।
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