बिहार के मुख्यमत्री नीतीश कुमार ने बुधवार की शाम पर्यावरण और वन विभाग की मीटिंग की। मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि बिहार में पर्यटन के लिए नये स्थलों का चयन कर उसे विकसित किया जाएगा। इस दिशा में कार्य शुरू करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को दिया है। सीएम ने बुधवार को अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक की और पदाधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया कि प्रकृति से सामंजस्य रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा दें। पर्यटक स्थलों तक की सड़कों के मेंटेनेंस का भी विशेष ध्यान रखें।
इको टूरिज्म को बढ़ावा दें अधिकारी
नीतीश कुमार ने कहा कि इको टूरिज्म के प्रबंधन और मेंटेनेंस को लेकर विभाग मुस्तैदी से काम करे। जिससे पर्यटन के क्षेत्र में बेहतर विकास हो सके। पर्यटन के विकास से राज्य में पर्यटकों की संख्या तो बढ़ेगी ही साथ ही स्थानीय लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी। नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार में इको टूरिज्म के विकास के लिए कई कार्य किए गए हैं। कई आकर्षक स्थलों को पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कई जगहों का भ्रमण भी किया है। राजगीर व वाल्मीकिनगर पर्यटकों को काफी आकर्षित कर रहा है। पर्यटक स्थलों तक पहुंचने के लिए आवागमन को सुगम बनाया गया है और सुविधाओं का बेहतर इंतजाम किया गया है।
लक्ष्य के अनुसार पौधारोपण कराएं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य के हरियाली क्षेत्र को कम से कम 17 प्रतिशत तक विकसित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसके लिए लक्ष्य के अनुरूप तेजी से और पौधारोपण कराएं। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राज्य का हरित आवरण क्षेत्र नौ प्रतिशत रह गया था।
देश के बाहर भी हुई हरियाली मिशन की प्रशंसा
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2012 में हरियाली मिशन की शुरुआत की गई थी। इसमें 24 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 22 करोड़ पौधे लगाये गये। बड़ी संख्या में पौधारोपण किये जाने से राज्य का हरित आवरण क्षेत्र बढ़कर अब 15 प्रतिशत तक पहुंच गया है। जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत साल 2019 में की गई। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत हरियाली को बढ़ाने एवं जल संरक्षण के लिए बेहतर ढ़ंग से काम किया जा रहा है। पौधारोपण गतिविधि में लोगों को शामिल कर सभी जिलों में अधिक-से-अधिक पौधा लगाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सड़क के किनारे पौधे लगाए जा रहे हैं।
राजगीर, गया और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में बीज डाला गया, जिससे वृक्षों की संख्या बढ़ोत्तरी हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि राज्य में जलवायु अनुकूल किये गये कार्यों की प्रशंसा देश के बाहर भी हो रही है। नीतीश कुमार ने बताया कि जलवायु परिवर्तन को लेकर संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय राउंड टेबल कांफ्रेंस में उन्हें राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे जल-जीवन-हरियाली अभियान के संबंध में संबोधित करने का मौका मिला था, जिसमें उन्होंने इसके संबंध में विस्तार से जानकारी दी थी। विभागीय मीटिंग में सूबे के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेजप्रताप यादव और विभागीय अफसर मौजूद रहे।
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