पटना : जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सूबे के अधिकारी और सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेता शराब माफियाओं से मिले हुए हैं।
पप्पू यादव ने कहा कि सबसे पहले अधिकारियों और नेताओं की संपत्ति की जांच करानी चाहिए। इसी से शराबबंदी की पोल खुल जाएगी। उन्होंने शराबबंदी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मैराथन बैठक पर भी कई सवाल खड़े किये।
पप्पू यादव ने कहा कि शराबबंदी करने से पहले देशी शराब और मादक पदार्थों पर रोक लगायी जानी चाहिए। उन्होंने मादक पदार्थों का सेवन करनेवालों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आज सूबे में बच्चे-बच्चे के हाथ में स्मैक, चरस, गांजा और अन्य मादक पदार्थ पहुंच चुके हैं। इसे रोकने वाला कोई नहीं है।
पप्पू यादव ने आरोप लगाते हुए कहा की शराब माफियाओं की सत्ता पक्ष और विपक्ष से सांठगांठ है। शराबबंदी के बारे में पब्लिक से पूछिये। अधिकारियों से नहीं,जो पब्लिक चाहती है वही करिये।
पप्पू यादव ने कहा की शराबबंदी पर मैराथन बैठक करने से कुछ नहीं होने वाला। बिहार सरकार के अधिकारी ही शराब माफिया से मिले हुए हैं। नीतीश जी आपके ही सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा और संजय जायसवाल ने शराबबंदी पर सवाल खड़े किये है।
इस दौरान ही उन्होंने 29 शराब माफियाओं के नाम भी मीडिया के सामने उजागर किये और सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कहा कि अब जिस थाना क्षेत्र से शराब बरामद होगी, वहां के थानेदार और चौकीदार को सस्पेंड कर दिया जाएगा। इस कारण अब कोई पुलिसकर्मी शराब जब्त ही नहीं करेगा।
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