पेपर लीक कराने का आरोपित मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की अवैध संपत्ति जब्त की जाएगी. इस मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) जल्द ही इससे संबंधित प्रस्ताव ED को भेजेगा.

पेपर लीक कराने में संजीव मुखिया की सहयोगियों की भी पहचान कर उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाए जाएंगे, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की दो दिनों की रिमांड अवधि बुधवार को पूरी हो गई. इसके बाद संजीव मुखिया को वापस बेउर जेल भेज दिया गया.

इसके पहले भी संजीव मुखिया से ईओयू ने 36 घंटे की पूछताछ की थी. EOU सूत्रों के अुनसार, संजीव मुखिया ने पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिसका सत्यापन करने का काम अब शुरू होगा. आगे जरूरत पड़ने पर संजीव मुखिया को फिर से रिमांड पर लिया जा सकता है.

सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को सीबीआइ संजीव मुखिया को रिमांड पर लेने का आग्रह सीबीआइ की विशेष अदालत से करेगी. बिहार के साथ झारखंड, बंगाल, यूपी और दिल्ली आदि में भी उसके नेटवर्क हैं.


सूत्रों के अनुसार, नालंदा के नगरनौसा का रहने वाला संजीव मुखिया अपनी पत्नी को विधायक बनाने की जुगत में लगा है. इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में वह अपनी पत्नी के लिए चुनावी टिकट की जुगाड़ में लगा था, मगर इस बीच पुलिस ने उसे पकड़ लिया.


पेपर लीक से अवैध कमाई का इस्तेमाल भी वह इसमें करने वाला था. इओयू को पूछताछ में बिहार के साथ पड़ोसी राज्यों झारखंड, बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि में भी उसके नेटवर्क की जानकारी मिली है. इसको जल्द ही इन राज्यों की पुलिस से भी मदद ली जाएगी.

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