NEW DELHI : दुनियाभर में कोरो’ना वै’क्सीन की खो’ज जारी है। वैक्सीन के अलग-अलग देशों में कई ट्रा’यल चल रहे हैं। इस बीच भारत से अच्छी खबर आई है। भारत में चल रही कोरो’ना वै’क्सीन कोविशी’ल्ड की रि’सर्च में अब तक कोई प्रतिकू’ल प्रभा’व नहीं दिखा है। यानी इसके साइड इफे’क्ट देखने को नहीं मिले हैं। कोविशी’ल्ड का मानवों पर परी’क्षण चल रहा है।
सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने पुणे के जनरल हॉ’स्पिटल में इसका परी’क्षण किया है। वहीं मुंबई में 23 सितंबर को किंग एडवर्ड मेमोरियल (KEM) अस्प’ताल ने कोरो’ना वाय’रस वै’क्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के परी’क्षण शुरू किए हैं। कोरो’ना वाय’रस वै’क्सीन के लिए परी’क्षणों में कुछ प्रतिभागियों ने अपनी दूसरी खु’राक भी प्राप्त की है और किसी भी प्रतिकूल प्रभा’व की बात नहीं की है। हालांकि, कुछ ने कोरो’ना वाय’रस वै’क्सीन की खु’राक के बाद बु’खार मह’सूस किया, लेकिन विशे’षज्ञों के अनुसार, यह एक हल्की प्रतिक्रि’या है और इसके बारे में चिं’तित होने के लिए कुछ भी नहीं है।
जनवरी तक मिल सकती है वै’क्सीन!
इधर, एक कार्यक्रम के सत्र में एम्स के डायरेक्टर डॉ’क्टर गुलेरिया ने कोरो’ना वाय’रस और वै’क्सीन के सवा’ल पर कहा,’ये कहना अभी मु’श्किल है कि वै’क्सीन कब तक आ जाएगी लेकिन भारत में जितने भी फेज टू या थ्री के ट्रा’यल हो रहे हैं, उसमें दो-तीन रि’जल्ट अच्छे आए हैं। रि’जल्ट और फॉ’लोअप में वै’क्सीन सुर’क्षित साबित हुई। इन वै’क्सीन के ज्यादा साइड इफे’क्ट नहीं पाए गए हैं। ये वैक्सीन इफेक्टिव हैं और इन्हें लगाने से प्रोटे’क्शन मिल रहा है।
डॉ’क्टर गुलेरिया का कहना है कि वै’क्सीन लगाने से बॉडी में एं’टीबॉडी बनती है लेकिन संक्र’मित व्यक्ति के संप’र्क में आने पर ये एं’टीबॉडी कितना काम करती है, ये पता लगाने के बाद ही वै’क्सीन की दिशा में काम आगे ब’ढ़ाजा जा सकेगा। डॉ’क्टर गुलेरिया ने कहा कि वै’क्सीन डो’ज पर भी अभी काम किया जाना है। डॉ’क्टर के अनुसार, सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल जनवरी तक कोरो’ना वाय’रस की वै’क्सीन मार्केट में आ जाएगी।
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