पटना: बिहार के चर्चित आईएएस अफसर केके पाठक के छुट्टी पर जाने के बाद शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालयों के बीच कड़वाहट दूर होती नजर आ रही है। पाठक की जगह शिक्षा विभाग के नए अपर मुख्य सचिव बनाए गए एस सिद्धार्थ की बैठक में सभी विश्वविद्यालयों के वीसी पहुंच गए। इससे पहले केके पाठक के एसीएस रहते विभाग की करीब आधा दर्जन से ज्यादा बैठकों में कोई भी कुलपति नहीं आए थे। बुधवार को मौजूदा एसीएस एस सिद्धार्थ की अध्यक्षता में हुई बैठक में विश्वविद्यालयों के बजट को लेकर चर्चा की गई।
शिक्षा विभाग में आने से पहले सभी कुलपतियों की राजभवन में बैठक हुई। राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और एसीएस एस सिद्धार्थ भी मौजूद रहे। विभाग की ओर से पिछले हफ्ते ही राजभवन को इस बैठक के बारे में सूचना दे दी थी। अपर मुख्य सचिव बदलने के बाद शिक्षा विभाग और राजभवन के संबंधों में भी सुधार आया है। केके पाठक के एसीएस रहते कई मुद्दों पर विभाग और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति हुई थी।
शिक्षा विभाग के मौजूदा अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद अफसरों में से एक हैं। सिद्धार्थ सीएम सचिवालय के अपर मुख्य सचिव भी हैं और मुख्यमंत्री के साथ हर जगह नजर आते हैं। सीएम के करीबी अफसर के विभाग संभालने से राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच केके पाठक के कार्यकाल के दौरान पैदा हो गई कड़वाहट इस बैठक से कम होती दिख रही है।
बता दें कि केके पाठक ने पिछले दिनों एक महीने की लंबी छुट्टी का आवेदन किया था, जिसे नीतीश सरकार ने मंजूर कर लिया था। पाठक के छुट्टी पर जाने के बाद वरिष्ठ आईएएस एस सिद्धार्थ को शिक्षा विभाग के एसीएस का प्रभार सौंपा गया। हालांकि, केके पाठक अपने पद से हटाए नहीं गए हैं।
इससे पहले भी बिहार में महागठबंधन सरकार के दौरान केके पाठक लंबी छुट्टी पर गए थे। उस दौरान विभाग में सचिव बैधनाथ यादव को एसीएस का प्रभार दे दिया गया था। जब पाठक लौटे तो फिर से उन्होंने एसीएस की जिम्मेदारी संभाल ली। मगर इस बार इस बार उनका प्रभार अपर मुख्य सचिव स्तर के अफसर को मिला है। संकेतों से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार छुट्टी से लौटने पर केके पाठक की शिक्षा विभाग में वापसी शायद ना हो।
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