पटना: भीषण गर्मी के बीच बिहार में स्कूलों का समय बदलने को लेकर सियासी पारा गर्मा गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आरोप लगाए कि बिहार में अफसरशाही चरम सीमा पर है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का नाम लिए बिना कहा कि अफसर स्कूल टाइमिंग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी बात नहीं सुन रहे हैं। ऐसे में समझ जाएं कि बिहार में क्या स्थिति है। 47 डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी बच्चों को राहत नहीं मिल रही है।
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव प्रचार के लिए रवाना होने से पहले कहा कि बिहार में लोकतंत्र नहीं रह गया है। राज्य में सरकार नहीं बची है, केवल ब्यूरोक्रेसी रह गई है। उन्होंने आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बहुत कमजोर हो गए हैं।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने आरोप लगाया कि भीषण गर्मी में छोटे बच्चों को ध्यान में रखते हुए स्कूल टाइमिंग में राहत देनी चाहिए। डॉक्टर भी इस बारे में सलाह देते हैं। बिहार में स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर भी उस हिसाब का नहीं है कि बच्चे वहां सुरक्षित रहेंगे। इस हालत में मुख्यमंत्री नीतीश कुछ नहीं कर पा रहे हैं, तो साफ दिख रहा है कि उन्हें लोगों ने घेर रखा है। उनके हाथ में कुछ नहीं है।
बता दें, कि बिहार में भीषण गर्मी के बीच कई जिलों में स्कूलों के छात्र-छात्राओं और यहां तक कि शिक्षकों के भी बेहोश होने की खबरें आ रही हैं। अभिभावक और शिक्षक लगातार शिक्षा विभाग से स्कूल के समय में बदलाव करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस ओर केके पाठक ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। बीते 16 मई से स्कूल की टाइमिंग सुबह 6 से दोपहर 12 बजे तक रखी हुई है। सुबह जल्दी स्कूल पहुंचने की हड़बड़ी में बच्चे ठीक से खा-पीकर भी नहीं आते। वहीं, दोपहर में तेज धूप में घर पहुंचते समय उनकी तबीयत भी बिगड़ रही है।
Be First to Comment