नई दिल्ली: हिंदुस्तान के साथ सरह’द पर त’नातनी के बीच ड्रै’गन की सबसे बड़ी सा’जिश सामने आई है। अब चीन ने नेपाल की जमीन को नि’गल लिया है। चीन की दोस्ती में नेपाल ने अपने सबसे भरो’सेमंद दोस्त भारत के खि’लाफ ज’मकर ज’हर उगला, हिंदुस्तान से पं’गा लिया। लेकिन अब चीन ने उसी की जमीन को ह’ड़प लिया। नेपाल के साथ चीन की ग’द्दारी का सबसे ताजा स’बूत उत्तराखंड के पास नेपाल की सीमा में हुमला से मिला है। यहां के लेपचा लिमि इलाके में घुसपै’ठ कर चीन ने अपनी 9 इमारत तैयार कर ली हैं।
चीन की ग’द्दारी से नेपाल में हड़कं’प मच गया आ’नन-फा’नन में हुमला के सहायक मुख्य जिला अधिकारी ने 30 अगस्त से 9 सितंबर तक इस इलाके का नि’रीक्षण भी किया, जैसे ही उन्होंने अपने देश की जमीन पर ड्रै’गन का क’ब्जा देखा उनके पैरों से जमीन निकल गई। एक तरफ नेपाली पीएम चीन के इ’शारे पर काम कर रहे हैं तो दूसरी तरफ चीन नेपाल के कई जिलों पर अपनी गि’द्ध नज़’र ग’ड़ाए बैठा है। ये पहली बार नहीं है कि जब चीन ने नेपाल की जमीन नि’गली है, इससे पहले भी ड्रै’गन नेपाल की जमीन पर क’ब्जा कर चुका है।
नेपाल के वो सात जिले जिसपर चीन क’ब्जा कर रहा है, उन जिलों के नाम – दारचुला, हुमला, गोरखा, रसुवा, सिंधुपालचौक, दोलखा और संखुवासभा है। नेपाल के ये सातों जिले तिब्बत बॉ’र्डर से सटे हैं और इन जिलों पर चीन का क’ब्जा तेजी से ब’ढ़ रहा है। सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये है कि दारचुला और हुमला पड़ोसी जिले हैं, जिस पर चीन की नज़र टि’क गई है।
इसके बाद बाकी के 5 जिले दूसरे छोर पर हैं और ये पांचों जिले गोरखा, रसुवा, सिंधुपालचौक, दोलखा, और संखुवासभा एक-दूसरे के पड़ोसी जिले हैं। चीन के क’ब्जे की जानकारी नेपाल के गृह मंत्रालय को सौंप दी गई है। गृह मंत्रालय से भी रिपो’र्ट विदेश मंत्रालय तक जा चुकी है। अब स’वाल ये है कि जिनपिंग की दोस्ती में अपनी आंखें मूं’दे बैठी ओली सरकार मामले पर क्या रु’ख अपनाती है।
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