गंगा सप्तमी 2024: हिंदू धर्म में गंगा सप्तमी का बहुत अधिक महत्व होता है। इस पावन दिन विधि- विधान से मां गंगा की पूजा- अर्चना की जाती है। इस दिन को गंगा जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं। हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पावन पर्व मनाया जाता है।
गंगा सप्तमी मंगलवार, 14 मई को है।
- सप्तमी तिथि प्रारम्भ – मई 14, 2024 को 02:50 ए एम बजे
- सप्तमी तिथि समाप्त – मई 15, 2024 को 04:19 ए एम बजे
- गंगा सप्तमी मध्याह्न मूहूर्त – 11:04 ए एम से 01:42 पी एम
- अवधि – 02 घण्टे 39 मिनट्स
गंगा सप्तमी पूजा- विधि
- गंगा सप्तमी के पावन दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिए।
- आप घर में रहकर नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
- स्नान करते समय मां गंगा का ध्यान करें।
- स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलि करें।
- सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
- मां गंगा का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- मां का ध्यान करते हुए पुष्प अर्पित करें।
- इस पावन दिन मां गंगा को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
- मां गंगा की आरती करें।
गंगा सप्तमी का महत्व
- मां गंगा को मोक्षधायनी भी कहा जाता है। इस दिन मां गंगा की पूजा- अर्चना करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- मां गंगा की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
- मां गंगा की कृपा से कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव भी कम हो जाता है।
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