मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से लगातार दो बार जीत दर्ज करने वाले बीजेपी सांसद अजय निषाद का इस बार टिकट कट गया है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मुजफ्फरपुर से डॉ. राज भूषण चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। जिसके बाद से इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा से नाराज चल रहे अजय निषाद पाला बदल सकते हैं और बहुत जल्द कांग्रेस से हाथ मिला सकते है।
जानकारी इस बात की भी है, कि वो दिल्ली में आज कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं और संभावना जताई जा रही है, कि अगर ऐसा हुआ तो मुजफ्फरपुर से वो कांग्रेस प्रत्याशी हो सकते हैं। वहीं मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने नाम के आगे से “मोदी का परिवार” सरनेम और बीजेपी भी हटा दिया है। जिसके बाद से अटकलें और तेज हो गई है कि अजय निषाद अब बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
अजय निषाद मुजफ्फरपुर से लगातार दो बार भाजपा के कैंडिडेट के तौर पर विजयी रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी के राज भूषण चौधरी को 4 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। वहीं 2014 में कांग्रेस के प्रत्याशी और मौजूदा बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह को 22 हजार से ज्यादा मतों से मात दी थी।
लेकिन इस बार बीजेपी ने अजय निषाद का टिकट काट दिया है और राज भूषण चौधरी पर दांव लगाया है। बताया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर की जनता से बेरुखी अजय निषाद को भारी पड़ गई है। और फीड बैक के आधार पर भाजपा ने इस बार टिकट नहीं दिया। वहीं बीजेपी के एक और सांसद छेदी पासवान भी कांग्रेस के संपर्क में बताए जा रहे हैं। वो समस्तीपुर से एमपी हैं। पार्टी के आंतरिक फीड बैक में ये भी कसौटी पर खरे नहीं उतरे, जिसके इस बार बीजेपी ने इनका भी पत्ता काट दिया है। और समस्तीपुर से शिवेश राम को टिकट दिया है।
आपको बता दें महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो चुका है। आरजेडी 26, कांग्रेस 9 और लेफ्ट पार्टियां 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। मुजफ्फरपुर की सीट कांग्रेस के कोटे में आई है। और कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में बीजेपी से बेटिकट हुए दोनों सांसदों को कांग्रेस मौका दे सकती है। वहीं अगर मुकेश सहनी की वीआईपी भी महागठबंधन का हिस्सा बनती है, तो मुजफ्फरपुर की सीट पर सहनी के प्रत्याशी की भी दावेदारी हो सकती है।
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