NEW DELHI : पूर्वी लद्दाख में भारत और चीनी सेनाओं के बीच फिर से टक’राव होने की घट’नाओं से अब तक के शांत प्रयासों पर पानी फि’रता दिख रहा है। गलवान घाटी की हिं’सा की घट’ना के बाद दोनों देशों के बीच टक’राव टा’लने की कई दौर की बैठकें हुई थी और तीन स्थानों पर टक’राव ख’त्म भी हो गया था। लेकिन इस घट’ना के बाद त’नातनी बढ़ गई है। सेना ने अरुणाचल से लेकर लद्दाख तक पूरे क्षेत्र में से’ना को हाई अल’र्ट पर रखा है।
इस बीच उपग्रह से प्राप्त कुछ तस्वीरों में लद्दाख में चीनी के क्षेत्र में हैलीपैड निर्माण की भी जानकारी मिली है। ये हाल-फिलहाल बनाए गए हैं। आशंका व्यक्त की जा रही है कि टक’राव की आ’ड़ में चीन लगातार एलएसी के निकट अपनी सैन्य तैया’रियां ब’ढ़ा रहा है। इससे टक’राव ब’ढ़ने की आशं’का व्यक्त की गई है। से’ना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मौजूदा टक’राव के लिए चीन का आक्रा’मक रु’ख जि’म्मेदार है। पैंगोंग त्सो इलाके में चीन फिंगर-4 से ह’टकर फिंगर-5 में ड’ट गया और उसने भारत के पीछे हटने की श’र्त लगा दी थी।
जबकि फिंगर-8 तक के समूचे इलाके पर पहले से ही भारत का’बिज रहा है। ऐसी स्थितियों में मोटे तौर पर यथास्थिति कायम रखी जाती है, लेकिन 29 अगस्त की रात की घटना से स्प’ष्ट हो गया है कि चीन की ऐसी कोई मं’शा नहीं है। से’ना के सूत्रों ने कहा कि इस घट’ना के बाद हॉट स्प्रिंग, गोगरा, गलवान घाटी, डेप्सांस में फिर से पै’नी नि’गाह रखी जा रही है। इन स्थानों पर चीनी से’ना हालांकि अब काफी पीछे है। लेकिन पेंगोंग सो की घट’ना के बाद आशं’का व्य’क्त की जा रही है कि इन इलाकों में भी चीनी से’ना फिर से घु’सपै’ठ कर सकती है।
सूत्रों ने कहा कि समूची चीन सीमा पर सत’कर्ता बढ़ाई गई है। इतना ही नहीं उत्तराखंड के संवेद’नशील बार्डर पोस्ट पर भी आईटीबीपी और सेना को हाई अल’र्ट पर रखा गया है। सूत्रों के अनुसार इस घटना के बाद रविवार को ही पेंगोंस सो इलाके में तै’नाती ब’ढ़ाई गई है। सेना वहां किसी भी स्थि’ति से नि’पटने को तैयार है। सीमावर्ती क्षेत्रों में वायुसे’ना के सभी बेसों को भी सत’र्क किया गया है।
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