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विधान परिषद में उछला शिक्षा विभाग के एसीएस का मुद्दा, जदयू के एमएलसी ने की एक्शन की मांग

पटना: बिहार विधान परिषद की पहली पाली की कार्यवाही शुरू होते ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) केके पाठक के तरफ से सीएम के आदेश के बाद भी नया दिशा निर्देश जारी किए जाने का मामला जमकर उछला। सबसे पहले इस मामले को जदयू के एमएलसी महेश्वर हजारी ने कहा कि ‘एक ही मुद्दा बार – बार सदन में उठ रहा है इसके बाद भी सरकार उस अधिकारी को लेकर नरम क्यों हैं।

Problems of Additional Chief Secretary of Education Department KK Pathak  Committee formed to investigate video | KK Pathak: शिक्षा विभाग के अपर  मुख्य सचिव केके पाठक की मुश्किलें! वीडियो जांच के लिए

जदयू के एमएलसी महेश्वर हजारी ने कहा कि ‘पिछले कुछ दिनों से जबसे सदन में चल रहा है तो हर रोज एक व्यक्ति पर ही चर्चा हो रही है। एक व्यक्ति ने पूरी व्यवस्था को खराब करके रख दिया है। इसके बाद भी ऐसे अधिकारी पर कारवाई क्यों नही किया जा रहा। उसके बाद बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव ने भी सदन में यह मामला उठाया कि शिक्षको को संघ बनाने का मौलिक अधिकार है और हर लोगों को संघ बनाने का अधिकार है , फिर शिक्षको को कैसे रोका जा रहा और शिक्षको पर ऐसी कारवाई क्यों किया जा रहा ?

उसके बाद अपने ही सरकार के पार्षद  के तरफ से उठाए जा रहे सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि- आपकी बात सही है इस पर ध्यान दिया जाएगा। लेकिन एक बात साफ़ कर दूं कि कोई भी अधिकारी सरकार के अलग जाकर किसी भी तरह का कोई भी आदेश नहीं जारी कर सकता है। मुझे इतना ही कहना है कि  सीएम नीतीश कुमार के आदेश का पालन हर हाल में किया जाएगा।

उधर, इससे पहले भी विधान परिषद में संजय मयूख ने उठाते हुए कहा कि एसीएस ने विभागीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। इनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने सदन पटल पर वीडियो क्लिप वाला पेन ड्राइव रखते हुए इसे सदन में चलाने की भी मांग की। उनके समर्थन में भाजपा के देवेश कुमार, अनिल शर्मा, संजीव कुमार सिंह और राबड़ी देवी समेत विपक्षी दल के कई सदस्य उतर गए।

 

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