पटना: नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू छोड़कर पूर्व विधायक ललन पासवान ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने उन्हें सदस्यता दिलाई। बीजेपी में आने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला और गंभीर आरोप लगाए। वह जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष थे। पिछले 12 अक्टूबर को पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। मिलन समारोह में भाजपा राज्यसभा सांसद सुशील मोदी, नेता राम कृपाल यादव समेत कई नेता मौजूद थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ललन पासवान ने आखिरकार बीजेपी का दामन थाम लिया। पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद ललन पासवान जदयू के सर्वे सर्वा नीतीश कुमार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के व्यवहार के कारम जदयू के नेताओं में नाराजगी इतनी बढ़ गई है कि एक-एक करके पार्टी को छोड़ रहे है। अभी और कई नेता पार्टी छोड़ने वाले हैं। 12 अक्टूबर को ललन पासवान ने जदयू के पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा था कि जेडीयू की नैया लालू यादव के तालाब में डूब रही है। पार्टी के नेता खुद को बचाने के लिए भाग रहे हैं। उन्होने कहा का कि राज्य में दलितों के खिलाफ अपराध के मामले काफी बढ़ गए हैं लेकिन बार बार कहने पर सीएम ने इस पर ध्यान नहीं दिया। नीतीश जी लालू यादव के प्रभाव में हैं और दोनों भाई सत्ता की मलाई खा रहे हैं।
मिलन समारोह के दौरान बीजेपी के राज्यसभा सासंद सुशील मोदी ने कहा कि छात्र राजनीति से ललन पासवान निकले हुए नेता हैं। वे राजनीति में शुरू से ही सक्रिय रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू को टूटने से कोई नहीं बचा सकता। नीतीश कुमार ने तेजस्वी को आगे करने की बात कहकर जदयू में हलचल पैदा कर दिया है। जदयू केन नीतीश कुमार के साथ रहना नहीं चाहते। जदयू के नेताओं को नीतीश का नेतृत्व तो पसंद है लेकिन, तेजस्वी के रूप में बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं।
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सह सांसद रामकृपाल यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि आजकल कुछ पार्टियों के नेता समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी हमेशा समाज को जोड़ने में लगी रहती है। बीजेपी ग़रीबों के लिए काम करती है। दूसरी ओर दोनों भाइयों (लालू यादव और नीतीश कुमार) के कारण ओबीसी समाज के लोग परेशान है। रामकृपाल यादव ने कहा कि अभी तो ललन पासवान हीं जेडीयू को छोड़कर निकले हैं। उनके कई नेता अन्य पार्टियों के संपर्क में हैं। खासकर पार्टी के सांसद इस बात से डरे हैं कि उनकी सीट काटकर राजद को न दे दिया जाए। फिलहाल नीतीश कुमार का व्यवहार ऐसा ही रहा तो जदयू को भारी नुकसान होने वाला है।
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