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लोकसभा चुनाव: आरजेडी गांव-गांव करेगी ये काम, बीजेपी और चिराग से दलित वोट छीनने का नया प्लान

पटना: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बिहार में सभी पार्टियां जोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने बीजेपी और लोजपा से दलित वोट छीनने का प्लान भी बना लिया है। आरजेडी ने अपने अंबेडकर पर चर्चा अभियान को चुनाव से पहले गांव-गांव तक ले जाने का फैसला लिया है। अब तक राज्य, जिला और प्रखंड स्तर पर यह अभियान आयोजित किया जा चुका है। इसके तहत आरजेडी दलित वर्ग के लोगों पर फोकस करके उन्हें संवैधानिक अधिकारों के बारे में बता रही है।

RJD JDU following footsteps of BJP politics intensifies in Bihar on  Ambedkar discussion | बीजेपी के नक्शेकदम पर RJD-JDU, अंबेडकर परिचर्चा पर  बिहार में तेज हुई राजनीति| Hindi News, Bihar-jharkhand ...

अंबेडकर पर चर्चा के जरिए आरजेडी नेता जनता के बीच जाकर यह समझाने में जुटे हैं कि केंद्र की बीजेपी सरकार की नीतियों से देश का संविधान खतरे में है। पार्टी नेताओं के मुताबिक आरजेडी की ओर से पिछले 6 महीने के भीतर ‘अंबेडकर पर चर्चा’ की लगभग 45 हजार बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। आरजेडी नेताओं का कहना है कि यह कार्यक्रम अब गांव-गांव तक पहुंच गया है। इसमें आरजेडी के कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि बड़ी संख्या में ग्रामीण भी हिस्सा ले रहे हैं। गांवों में लोग उस संविधान को बचाने पर बात कर रहे हैं जिसे बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने बनाया था।

आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि पहले राज्य और मंडल स्तर पर अंबेडकर पर चर्चा का आयोजन किया गया था, फिर जिला एवं ब्लॉक और अब पंचायत स्तर तक इसका विस्तार किया गया है। इसे दलित वर्ग के बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिल रहा है। लोग खुद से अपने गांवों में यह कार्यक्रम आयोजित करवा रहे हैं।

बता दें कि बीते 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर आरजेडी ने पटना से इस अभियान की शुरुआत की थी। शुरुआत में कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी गई और प्रमंडल स्तर पर अंबेडकर पर चर्चा का आयोजन किया गया। इसके बाद प्रखंड जून में प्रखंड स्तर और जुलाई में इसे पंचायत स्तर पर ले जाया गया।

आरजेडी के वरिष्ठ नेता श्याम रजक के मुताबिक बिहार में दलित और अति पिछड़ा वर्ग एक बड़ा वोटबैंक है। राज्य की सभी 40 लोकसभा सीटों पर इसका असर देखने को मिलता है। इसलिए हम इस वर्ग तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। अंबेडकर पर चर्चा को गांव-गांव तक लेजाने से हमारा आधार मजबूत होगा।

उन्होंने कहा कि दलित एवं पिछड़ा वर्ग से आने वाली महिलाओं एवं युवाओं से इस कार्यक्रम को अपार समर्थन मिल रहा है। क्योंकि हम इस कार्यक्रम के जरिए यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि संविधान कमजोर होने से दलित महिलाओं और गरीबों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

चितरंजन गगन के अनुसार बीजेपी संविधान को बदलने की कोशिश कर ही है और हम उसके एजेंडे का पर्दाफाश करने में जुटे हैं। हम पिछड़ा वर्ग के लोगों को जागरुक कर रहे हैं कि लोकतंत्र खतरे में है और बीजेपी के मौजूदा शासन काल से सदियों पुराना सामाजिक व्यवस्था का सिस्टम फिर से लागू करने की कोशिश की जा रही है। जिससे दलितों के अधिकार पर खतरा है।

अंबेडकर पर चर्चा अभियान के जरिए आरजेडी लोगों को बीजेपी के खिलाफ जागरुक करके लोकसभा चुनाव में अपने समर्थन में माहौल बनाने में जुटी है। इसके साथ ही उसका लोजपा के दलित वोट छीनने पर भी फोकस है। चिराग पासवान की लोजपा रामविलास एवं पशुपति पारस की रालोजपा दलित वोटरों के केंद्र में रखकर राजनीति करती हैं। ये दोनों पार्टियां अभी एनडीए में हैं और आगामी चुनाव में कम से कम 5-6 सीटों पर इंडिया गठबंधन को सीधे रूप से टक्कर देगी।

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