पटना: राजधानी पटना में ऑटो रिक्शा हड़ताल का खासा असर देखने को मिल रहा है। सड़क पर ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा नहीं चलने की वजह से घरों से बाहर निकले लोग हलकान हो रहे हैं। सड़क पर बसें चल रही हैं लेकिन, उनमें क्षमता से दो से तीन गुना यात्री सफर करते देखे जा रहे हैं। सड़क पर भी बड़ी संख्या में लोग अपना बैग और सामान लेकर भटक रहे हैं। उन्हें सवारी नहीं मिल रही है। टैक्सी वाले इसका फायदा उठा रहे हैं।
मंगलवार को ऑटो संघ ने ऑटो चालकों के पक्ष में हड़ताल का ऐलान कर दिया। नतीजा यह हुआ कि कारगिल चौक से आईआईटी बीहटा की ओर जाने वाली बसों पर यात्री टूट पड़े। इन गाड़ियों में सीट से 2 से 3 गुना ज्यादा यात्री यात्रा कर रहे हैं। गांधी मैदान यातायात थाना के पास भी यात्री काफी परेशान रहे ऐसा नजारा देखा जा रहा था कि बस रुकते ही यात्री उसे पकड़ने के लिए दौड़ पड़ते। इस दौरान कुछ लोग चोटिल भी हो गए।
दरअसल, पटना जंक्शन का नंबर के पास स्थित टाटा पार्क घेराबंदी कर दी गई है। मेट्रो निर्माण को लेकर नगर निगम की ओर से टाटा पार्क को घेर दिया गया है। इस वजह से पटना पूर्वी क्षेत्र की ऑटो चालक आक्रोश में हैं उनका कहना है कि ऑटो रिक्शा के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई है। जहां तहां सड़क पर गाड़ी खड़ी करने को मजबूर हैं। लेकिन, पुलिस प्रशासन के लोग उनकी मजबूरी को नहीं समझते। ऑटो यूनियन के नेता राजकुमार झा, नवीन मिश्रा और अजय पटेल ने संयुक्त बयान जारी कर मंगलवार को हड़ताल की घोषणा की। उनके समर्थन में शहरी क्षेत्र में चलने वाले ऑटो रिक्शा और ई रिक्शा चालकों ने भी अपनी गाड़ियों को बंद रखने का ऐलान कर दिया। बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने भी ऑटो चालकों के हड़ताल का समर्थन किया है।
मंगलवार को रिक्शा चालक भी ऑटो वालों के समर्थन में उतर आए और अपने-अपने रिक्शा को सड़क से दूर रखा। इसके कारण यात्रा की परेशानी और बढ़ गई है। धूप में उन्हें पैदल एक जगह से दूसरे जगह जाना पड़ रहा है। रिक्शा चालकों ने अपने साथी ऑटो चालकों के समर्थन में प्रदर्शन भी किया।
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