भागलपुर: विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू होने में अब महज कुछ ही दिन का समय शेष बचे हैं। चार जुलाई से सुलतानगंज से देवघर के बीच लाखों कांवरियों की भीड़ उमड़ने लगेगी। गंगाघाट पर जल भरने के लिए कांवरियों का जत्था रेल व सड़क मार्ग होकर सुलतानगंज पहुंचने लगेंगे. सबसे अधिक कांवरिये एनएच-80 के सहारे भागलपुर और मुंगेर के रास्ते बसों व अन्य चार पहिया वाहनों से सुलतानगंज आयेंगे. लेकिन इस समय एनएच-80 के निर्माण कार्य के कारण रास्ता काफी खराब है. खासकर भागलपुर से सुलतानगंज आने के दौरान दोगच्छी बायपास से अकबरनगर खेरैहिया के बीच करीब 10 किलोमीटर तक यात्रा जानलेवा बन गयी है।
तीन जुलाई से जब इस रास्ते पर पश्चिम बंगाल, कोसी, सीमांचल, नेपाल, नॉर्थइस्ट व झारखंड से आ रहे कांवरियों के सैकड़ों वाहनों की आवाजाही शुरू होगी. उस समय स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है. अकबरनगर से दोगच्छी के बीच करीब आधा दर्जन पुलिया का निर्माण हो रहा है. वाहनों को पुल के बगल से कच्चे डायवर्सन से गुजारा जा रहा है. वाहनों की आपाधापी के कारण डायवर्सन के पास अक्सर जाम जैसी स्थिति बनी रहती है. कांवरियों के वाहनों के परिचालन में परेशानी न हो, इसके लिए जगह-जगह जाम से निपटने के लिए पुलिस बल की तैनाती जरूरी होगी।
वहीं भागलपुर से सुलतानगंज के बीच दैनिक यात्री वाहनों को इस अनिर्मित सड़क से गुजरने में काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है. वाहनों के गुजरने के लिए संकरा रास्ता होने के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गयी है. जगह-जगह ई-रिक्शा व ऑटो समेत अन्य चार पहिया वाहन कीचड़ में फंस रहे हैं. यात्रियों से वाहन को धक्का लगवा कर निकाला जा रहा है।
वहीं इस सड़क की दुर्दशा पर भागलपुर के जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण का काम तेजी से चल रहा था. बारिश की वजह से मिट्टी कीचड़ में तब्दील हो गयी. डीएम ने कहा कि सड़क की हालत व श्रावणी मेला को देखते हुए फिलहाल निर्देश दिया गया है कि दो महीने तक कोई निर्माण कार्य नहीं हो. साथ ही कीचड़ के उपाय को लेकर उन्होंने कहा कि जीएसपी पत्थर दिलवाकर रोलिंग करवाया जाएगा. इसे लेकर भी निर्देश दे दिए गए हैं.
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