पटनाः बिहार की नन्हीं शूटर रिशिका ने कम उम्र में ही निशानेबाजी में देश स्तर पर जीत हासिल की है. 12वीं की छात्रा रिशिका राज निशानेबाजी में राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं. इन्होंने शुटिंग में कई गोल्ड मेडल हासिल किए हैं. रिशिका कहती है कि मेरे पापा आर्मी में जब थे तो मुझे आर्म्स के बारे में बताते थे, उसके बाद मैं बिहार की गोल्ड गर्ल श्रेयसी सिंह के बारे में सुना और देखा, उस समय से ही श्रेयसी सिंह मेरी आईडल हैं.
रिशिका ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की बिहार की शूटर श्रेयसी सिंह से प्रेणा लेकर शूटिंग के क्षेत्र में अपना कदम रखा और आज यहां तक पहुंची. उन्होंने बताया कि वो स्टेट लेवल पर आठ गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं, प्री नेशनल निशानेबाजी में 4 गोल्ड मेडल है. साथ ही 2 सिल्वर और एक ब्राउज मेडल है. इंडियन टीम का ट्रायल दे रही हूं. उन्होंने कहा कि इंडियन टीम में शामिल होने के लिए 6 ट्रायल देना होता है चार ट्रायल मेरा पूरा हो गया है. 2 ट्रायल शेष बचा हुआ है वह भी अगले महीने के अंतिम तक पूर्ण हो जाएगा।
पिछले साल 2022 में रिशिका ने 32 वीं बिहार स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में जूनियर एवं यूथ वर्ग में 10 मीटर एयर पिस्टल महिला वर्ग में 6 गोल्ड मेडल प्राप्त किया था और बेगूसराय में 25 मीटर फायर आर्म्स में एक गोल्ड मेडल प्राप्त किया. इसके अलावा 6th ईस्ट जोन शूटिंग चैंपियनशिप आसनसोल बंगाल में आयोजित कंपटीशन में 10 मीटर एयर पिस्टल में सीनियर जूनियर युवा यूथ सभी कैटेगरी में 5 गोल्ड एक सिल्वर और एक ब्रांज मेडल प्राप्त कर बिहार का मान सम्मान बढ़ाया. उन्होंने आगे बताया कि 65 वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप भोपाल में आयोजित कंपटीशन में यूथ कैटेगरी में क्वालीफाई कर इंडियन ट्रायल का हिस्सा बनी।
रिशिका राज पटना की रहने वाली हैं, उनके पिता मुकेश कुमार आर्मी से सेवानिवृत्त होकर कोतवाली थाना में डायल 112 में हवलदार के पद पर सेवा दे रहे हैं. उनकी मां प्रेमलता पटना हाईकोर्ट में वकील हैं. रिशिका दो बहनों में छोटी हैं और एक बड़ा भाई है.उन्होंने कहा कि घर परिवार वालों का इतना सहयोग मिल रहा है कि अब कदम रुकेगा नहीं, अब ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है जिसके लिए तैयारी चल रहा है और अब वो देश का नाम रोशन करने की तैयार में है.
रिशिका राज ने बिहार सरकार और खेल प्राधिकरण को लेकर कहा कि बिहार में बहुत सारे ऐसे खिलाड़ी हैं, जो खेल के सामान नहीं खरीद पाते हैं. जिस कारण से वह पीछे छूट जाते हैं लेकिन अब खेल प्राधिकरण के डीजी रविंद्रन शंकरण काफी कुछ बदलने की कोशिश कर रहे हैं. जिससे कि बिहार के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में सहूलियत मिलेगी. उन्होंने कहा कि मेरे पूरे फैमिली में कोई खिलाड़ी नहीं है, लेकिन पढ़ाई और खेल दोनों मैनेज करना काफी मुश्किल होता है. मैं अभी बोर्ड का एग्जाम देकर इलेवंथ में हूं. रिशिका राज का कहना है कि मेरे मम्मी और पापा मेरे लिए कोच के समान हैं. जो मेरा काफी हौंसला बढ़ते हैं.
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