सासाराम: सासाराम में किशोरी के साथ दुराचार के बाद बेरहमी से की गई ह’त्या के मामले में अदालत ने अभियुक्त शाहिद को फां’सी की सजा सुनाई है। अदालत ने 76000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना जमा नहीं करने पर छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अपर जिला जज-1 मनोज कुमार की अदालत ने कहा कि अपरा’ध की प्रकृति, अप’राधी की स्थिति, मृ’तका की अवस्था और परिस्थितियां को देखते हुए यह अपरा’ध विरलतम से विरलतम श्रेणी में आता है। शाहिद बक्सर जिले के धनसोई का रहनेवाला है। गौरतलब है कि करगहर के एक गांव में करीब 14 साल पहले किशोरी के साथ दुराचार के बाद बेरहमी से की गई ह’त्या की गई थी। किशोरी की मां ने करगहर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
लू लगने से बताई थी लड़की की मौ’त
फर्दबयान में कहा था कि घ’टना के 10 दिन पहले मैं अपनी लड़की के ससुराल गाजीपुर ( यूपी) गई थी। घर में मेरी दूसरी लड़की और दो लड़के थे। 16 जून 2009 को शाम पांच बजे मेरे घर से लड़के का फोन आया कि उसकी बहन की मौ’त हो गई है। मैं रात 10 बजे अपने गांव आई। उस समय तक लोगों ने मेरी लड़की के श’व को कब्रि’स्तान में ले जाने के लिए ताबूत में रख दिया था। लोगों ने बताया गया कि लू लगने से उसकी मौ’त हुई है।
कोर्ट ने सुनाई फां’सी की सजा
रात 11 बजे श’व को गांव के कब्रि’स्तान में दफ’ना दिया गया। दूसरे दिन पता चला कि मेरा लड़का एक बजे दिन में घर से गांव में चला गया था। लड़की गांव के एक घर में गोबर पाथने गई थी। जहां से वह दो बजे दिन में लौटी थी। इसी बीच लड़की को अकेला पाकर अभियुक्त मेरे घर में घुस गया। कोर्ट ने अभियुक्त को गृह अतिचार में एक वर्ष का साधारण कारावास और 1000 रुपए जुर्माना, दुराचार में आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए जुर्माना तथा ह’त्या में मौ’त’ की सजा के साथ 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
Be First to Comment