मुजफ्फरपुर: ग्लोबल फंड स्विट्जरलैंड की टीम टीबी मरीजों के परिजनों को दी जाने वाली टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट की जानकारी लेने मुजफ्फरपुर आयी। मुआयना करने आए विदेशी मेहमानों ने जिला यक्ष्मा कार्यालय, जिला टीबी सेंटर और फिर एसकेएमसीएच भी गए, जहां उन्होंने टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट के तहत दवा वितरण, इसके स्टोरेज, दवा प्रबंधन, एमआईएस और मरीजों के परिजनों की स्क्रीनिंग संबंधी जानकारी प्राप्त की। ग्लोबल फंड स्विट्जरलैंड की टीम वर्ल्ड विजन के कार्यालय गयी जहां उन्होंने चाई की प्रतिनिधि डॉ परिनीति दास, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ कुमार गौरव तथा वर्ल्ड विजन के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक अमरजीत प्रभाकर से बातचीत कर चल रहे टीपीटी कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी ली। अपने भ्रमण के दौरान ग्लोबल फंड की टीम ने उपलब्ध जानकारियों पर काफी संतोष व्यक्त किया।
टीबी की रोकथाम में टीपीटी कारगर:
वर्ल्ड विजन के जिला समन्वयक दिनकर चतुर्वेदी ने बताया कि टीबी की रोकथाम के लिए केंद्र की प्रोग्रामेटिक मैनेजमेंट ऑफ टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट (पीएमटीपीटी) योजना काफी कारगर है। इसके तहत टीबी मरीज के परिजनों को एक दवा खिलाई जाती है। जिससे उसमें टीबी के संक्रमण का खतरा न के बराबर होता है। अमूमन यह माना जाता है कि एक टीबी मरीज साल में कम से कम 10 लोगों में टीबी संक्रमण का वाहक होता है। ऐसे में दवाओं के इस मैनेजमेंट से काफी हद तक टीबी संक्रमण को काबू में किया जा सकता है। टीपीटी के पहले टीबी मरीजों के परिजनों की भी स्क्रीनिंग की जाती है। संदिग्ध पाए जाने पर उनका एक्स रे व बलगम जांच भी किया जाता है।
एचआईवी मरीजों को भी टीपीटी:
दिनकर चतुर्वेदी ने कहा कि टीबी मरीजों के अलावे एचआईवी मरीजों को भी टीपीटी के तहत दवा दी जाती है। अगर किसी मरीज में टीबी पाया जाता है तो उसका एचआईवी, ब्लड शुगर की जांच भी अवश्य की जाती है।
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