मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर में स्किन कालाजार वाले 4 मरीजों की गयी आंखों की रोशनी चली गयी थी। मामले के करीब एक साल बाद स्वास्थ्य विभाग की निंद खुली है। अब इस मामले की जांच शुरू की गयी है। करीब एक साल बाद जांच शुरू होने से मरीजों को न्याय मिलने की आस जगी है। जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किये जाने का निर्देश सिविल सर्जन डॉ. उमेश चंद्र शर्मा ने दी है। सिविल सर्जन ने भी माना है कि गलत दवा दिये जाने कारण ऐसा हुआ है। सिविल सर्जन ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बिहार के मुजफ्फरपुर में स्किन के कालाजार वाले मरीजों की आंखों की रोशनी खत्म होने के मामले की जांच अब शुरू की गयी है। बता दें कि मुजफ्फरपुर के साहेबगंज, मड़वन और सकरा के चार मरीजों को स्किन का कालाजार होने पर दवा खिलायी जा रही थी। जिसके साइड इफेक्ट से इन मरीजों की आंख खराब होने की पुष्टि हुई है। साथ ही इन मरीजों को कई अन्य परेशानियां भी होने लगी हैं। जिसे लेकर सिविल सर्जन ने कालाजार की दी जा रही दवा में परिवर्तन करने का भी आदेश दिया है।
जिले में फिलहाल स्किन के कालाजार के 39 एक्टिव मरीज हैं। सभी पर नजर रखी जा रही है। सिविल सर्जन डॉक्टर यूसी शर्मा ने बताया कि स्किन के कालाजार से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन मरीजों को जो दवा खिलायी जा रही है। मरीज के आंखों की जांच के बाद ही दवा को खिलाने का निर्णय लिया गया है। यदि आंख में परेशानी पायी जायेगी, तो सामान्य कालाजार मरीज से अलग दवा और उसका डोज दिया जायेगा वहीं दूसरे किसी मरीज के दवा खाने से उनकी आंख खराब नहीं हो, इसके लिए हर 15 दिन पर मॉनीटरिंग की जायेगी। आशा कार्यकर्ता ऐसे मरीजों पर नजर रखेगी। दवा खाने के 15 दिन बाद आंख की जांच में खराबी यदि बढ़ती है तो सदर अस्पताल लाकर इलाज कराया जायेगा।
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