पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की आरजेडी के बीच झगड़े से महागठबंधन के अन्य दल भ’ड़क गए हैं। नीतीश सरकार को समर्थन दे रहे लेफ्ट पार्टी भाकपा माले (सीपीआई एमएल) ने अनर्गल बयानबाजी पर रोक लगाने की मांग की है। पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन में विवादित मुद्दों पर चर्चा के लिए कोऑर्डिनेशन कमेटी बननी चाहिए। उन्होंने बीजेपी से सावधान रहने के लिए भी कहा।
भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने पटना में पार्टी के महाधिवेशन की तैयारियों पर मंगलवार को मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि महागठबंधन की कोआर्डिनेशन कमेटी बननी चाहिए। सभी विवादित मुद्दों पर इसमें चर्चा हो और अनर्गल बयानबाजी न हो। नीतीश सरकार यदि गलत करती है तो हमारा विरोध होगा। बीजेपी के लोग मुद्दे को भटकाना चाहते हैं, उनसे सावधान रहने की जरूरत है।
बता दें कि इससे पहले महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के मुखिया जीतनराम मांझी और कांग्रेस नेता भी कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग कर चुके हैं। आरजेडी और जेडीयू के बीच हाल के दिनों में विभिन्न मुद्दों को लेकर तकरार बढ़ी है।
15 फरवरी को गांधी मैदान में लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ रैली
कम्युनिस्ट पार्टी भाकपा माले 15 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में विशाल रैली का आयोजन करने वाली है। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत देश के अन्य विपक्षी दलों को भी निमंत्रण भेजा गया है। पटना में कम्युनिस्ट पार्टी का 15 से 20 फरवरी तक महाधिवेशन चलेगा। इसमें वामपंथी आंदोलन से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रवासी हस्तियां समेत भारतीय उपमहाद्वीप के कई देशों की बिरादराना कम्युनिस्ट पार्टियों के प्रतिनिधि भी शरीक होंगे।
पड़ोसी देश नेपाल की तीनों कम्युनिस्ट पार्टी- नेकपा (एमाले), माओवादी पार्टी (प्रचंड ग्रुप, नेपाल) और यूनाइटेड सोशलिस्ट पार्टी (माधव नेपाल); बांग्लादेश की दोनों कम्युनिस्ट पार्टी, श्रीलंका, मलेशिया व आस्ट्रेलिया के कम्युनिस्ट प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इनके अलावा फिलस्तीन मुक्ति आंदोलन के प्रतिनिधि भी महाधिवेशन को संबोधित करेंगे।
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