पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिशन 2024 को देखते हुए मुस्लिम वोटों को एकजुट करने और बिखराव से बचाने के लिए पासा फेंका है। नये साल में एक अणे मार्ग के नेक संवाद में सोमवार की शाम मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की। इस बैठक से उनकी पार्टी के मुस्लिम नेताओं को दूर रखा गया। सीएम ने अल्पसंख्यक समाज के लोगों और अपनी पार्टी जदयू के इस समाज से आने वाले प्रमुख नेताओं के साथ दो अलग-अलग बैठकें की।
बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि लोगों को बरगलाने वाले, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले सक्रिय हो सकते हैं। अल्पसंख्यक समाज के लोगों से अपील है कि ऐसे तत्वों से सतर्क रहिए। अल्पसंख्यक समाज को एकजुट रखिए और आसपास के लोगों (दूसरे समाज) से भी सौहार्द बनाकर रखिए। नीतीश कुमार ने साफ कहा कि अल्पसंख्यक समाज को अब बिहार में राजीतिक रूप से कहीं और बंटने की जरूरत नहीं है।
तकरीबन ढाई घंटे चली इस बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने भाजपा और एआईएमआईएम से भी सतर्क किया। उन्होंने कहा कि इसमें दो राय नहीं कि भाजपा के इशारे पर एआईएमआईएम काम करती है। ये लोग कैसी भड़काऊ और तनाव फैलानी वाली भाषा बोलते हैं। ये लोग देश की पहचान मिटाने में लगे हैं। आज जदयू या हमारे लिए नहीं, बल्कि अपने अल्पसंख्यक समाज के लिए काम कीजिए। लोगों को बताइए कि यह भाजपा की बी टीम है।
बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने मुस्लिम वर्ग के लिए किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमने कभी वोट के लिए काम नहीं किया। सभी के लिए काम किया है। अल्पसंख्यकों में जो एससी हैं, उनके लिए लोकसभा से ही आवाज उठाते रहे हैं। बिहार में बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार केंद्र से बीजेपी को बेदखल करने के लिए विपक्षी एकता बनाने में लगे हैं। 2024 के लोक सभा चुनाव की तैयारी में नीतीश कुमार तत्परता से लगे हैं और भाजपा विरोधी ताकतों को एक साथ लाने के लिए काम कर रहे हैं।
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