मुजफ्फरपुर: बिहार में कोरोना का नया वेरिएंट मिलने से एक बार फिर से चिंता बढ़ गई। लेकिन सरकारी अस्पताल कोविड के खतरे से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं। मुजफ्फरपुर में कोविड मरीजों के लिए बने वार्ड में दूसरे मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
मुजफ्फरपुर के तीन प्रमुख पीएचसी में ऑक्सीजन प्लांट चालू नहीं हो सका है। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन प्लांट के लिए तीन पीएचसी का चयन किया गया था। मेंटेनेंस के अभाव में करोड़ों रुपये के वेंटिलेटर बेकार हो गए।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद कोविड मरीजों के इलाज के लिए मिशन मोड पर अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए शुरू की गई कवायद अब ठप पड़ गई है। पीएम केयर फंड से सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच को वेंटिलेटर दिए गए थे। एसकेएमसीएच को सौ और सदर अस्पताल को पांच वेंटिलेटर दिए गए थे। वहीं, बीबी कॉलेजिएट स्थित कोविड सेंटर में 20 वेंटिलेटर लगाए गए थे। एसकेएमसीएच को छोड़ शेष जगहों के वेंटिलेटर बीते मार्च से बंद हैं।
सार्वजनिक जगहों पर टीकाकरण ठप
जिले में टीकाकरण अभियान पर भी ब्रेक लगा है। बस स्टैंड व रेलवे जंक्शन पर टीकाकरण कार्य बंद है। केवल सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण अभियान चल रहा है जबकि अब भी करीब 35 लाख लोगों को बूस्टर डोज नहीं लग सकी है। बड़ी संख्या में लोगों को बूस्टर व दूसरी डोज नहीं लगी है। सार्वजनिक जगहों व बाजारों में कोरोना टीका कैंप को बंद कर दिया गया है।
सदर में शॉर्ट सर्किट से ऑक्सीजन प्लांट ठप
कोरोना की तीसरी लहर के दौरान यूनिसेफ की ओर से पारू, कांटी और सकरा पीएचसी में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्देश दिया गया था। पारू में प्लांट लगा, लेकिन टेक्नीशियन की कमी के कारण अबतक उत्पादन शुरू नहीं हो सका है। सकरा व कांटी में प्लांट बनाने की योजना फाइल तक सीमित रह गई। सदर में दो में से एक ऑक्सीजन प्लांट चालू है। पीएम केयर कोष से सदर अस्पताल में खुला ऑक्सीजन प्लांट छह माह पूर्व शॉर्ट सर्किट के कारण ठप है।
Be First to Comment