पटना: आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी अपने उस बयान से से पीछे हट गए हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत रहने लायक नहीं है। यहां का माहौल बहुत खराब है। सिद्धकी ने अपने बयान के लिए सॉरी बोला है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुझे 10 बार जन्म लेना पड़े तो भारत में ही जन्म लूं। सिद्दीकी ने कहा कि उनका मकसद वैसा नहीं था जैसा मीडिया में बताया जा रहा है।
पटना में एक न्यूज़ चैनल को दिए बयान में सिद्दीकी कहा कि मेरी बात का गलत भावार्थ निकाला गया। मैंने सलाह भर दिया था। यह जरूरी नहीं है कि हर कोई मेरी सलाह माने। मेरे कहने का मतलब ऐसा नहीं था कि भारत में मेरी आस्था नहीं है। बहस के दौरान मैंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमारे जैसे व्यक्ति को अगर 10 बार जन्म लेना पड़े तो हमारा जन्म भारत में ही हो। हम तो देश की मिट्टी से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि मेरे बयान का मकसद अगर किन्ही को गलत लगता हो तो इसके लिए ‘सॉरी’,। जब उनसे पूछा गया कि आपको अपने बयान पर अफसोस है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे जो बोलना था वह बोल दिया। अपने इस बयान को लेकर राजद नेता सिद्दीकी भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। आम जनों की ओर से भी आलोचना के स्वर उठने लगे हैं।
बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी ने भी अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान से असहमति जताई है। उनका कहना है कि सिद्दीकी जी का निजी है। भारत में अमन चैन कायम है और भारत का निवासी होने पर हमें नाज है। बीजेपी ने अब्दुल बारी सिद्धकी के बयान को मुस्लिम तुष्टीकरण का हथकंडा बताया है। आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी सिद्दीकी के इस बयान को हथियार बना सकती है। संभवत इन तमाम स्थितियों को देखते हुए अब्दुल बारी सिद्धकी अपने बयान पर सॉरी बोला है।
आरजेडी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी ने एक कार्यक्रम के दौरान विदेश में रह रहे अपने बेटा-बेटी से कहा है कि भारत अब रहने लायक देश नहीं रहा। हाल ही में एक उर्दू अखबार के कार्यक्रम में उन्होंने यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को यह कहने के लिए मजबूर हैं कि वे विदेश में ही रह जाएं। हो सके तो वहीं की नागरिकता ले लें। उन्होंने चिंता जतायी कि हिन्दुस्तान में ऐसा दौर आ गया है कि वह अपने बच्चों को मातृभूमि छोड़ने के लिए कह रहे हैं। सिद्दीकी के इस बयान के समर्थन में जहां महागठबंधन के दलों के नेता उतर गए हैं, वहीं भाजपा ने उनको इस बयान के लिए निशाने पर लिया है।
सिद्दीकी ने उस कार्यक्रम में कहा कि मेरा एक बेटा हार्वर्ड में पढ़ता है, वहीं, बेटी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पास आउट है। हमने अपने बेटा-बेटी को कहा कि वहीं नौकरी कर लो। अब यहां जो माहौल है, उसे तुम लोग झेल नहीं पाओगे। आप समझ सकते हैं कि कितनी तकलीफ से आदमी यह बात अपने बाल-बच्चों को कहेगा कि अपनी मातृभूमि को छोड़ दो।
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