प्रशांत किशोर इन दिनों जन स्वराज यात्रा पर हैं। इस दौरान लालू नीतीश की चर्चा पीके खूब करते हैं लेकिन अपनी यात्रा के दौरान पूर्वी चंपारण के हरसिद्धि पहुंचे प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव को लेकर बड़ा बयान दिया है।
प्रशांत किशोर ने कहा है कि तेजस्वी यादव की पहचान लालू यादव से है। तेजस्वी को लोग लालू यादव के बेटे के तौर पर जानते हैं और इससे ज्यादा उनकी कोई पहचान नहीं है। नीतीश कुमार की सियासत को लेकर पीके ने एक बार फिर निशाना साधा है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि नीतीश कुमार 1 मिनट में पाला बदल सकते हैं। वे इस कला में माहिर खिलाड़ी हैं। उन्हें बीजेपी के साथ जाने में 1 मिनट का भी वक्त नहीं लगेगा।
वहीं, प्रशांत किशोर ने इस दौरान एक बड़ा एलान भी कर दिया है। पीके ने कहा कि प्रत्येक प्रखंड में ‘जन सुराज नागरिक सहायता केंद्र’ की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि जन सुराज के दूसरे चरण के तहत अगर लोगों की सहमति हुई तो मिलकर दल बनाएंगे। पीके ने कहा कि जन सुराज अभियान से जुड़े सदस्य समाज की मदद कर सके, इसके लिए इन केंद्रों की शुरुआत की जा रही है। यह पूरी प्रक्रिया होने में 1-2 महीने का वक्त लगेगा। जिस प्रक्रिया के पश्चिमी चंपारण के जिला अधिवेशन संपन्न हुआ था उसी तर्ज पर आगामी दिनों में पूर्वी चंपारण में भी जिला अधिवेशन होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 30 सालों से हम छोटे भाई (नीतीश कुमार) और बड़े भाई (लालू यादव) की सरकार देखते रहे हैं। दोनों भाई एक दूसरे के पूरक हैं, इसके साथ ही दोनों ने यह धारणा बना दी है कि बिहार इससे बेहतर नहीं हो सकता है। तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए प्रशांत ने कहा कि चाचा-भतीजा में भतीजे की व्यक्तिगत पहचान केवल इतनी है की वे लालू यादव के बेटे हैं। तेजस्वी यादव ने शिक्षा, खेलकूद या अन्य कोई सामाजिक कार्य या किसी भी क्षेत्र में ऐसा कोई काम नहीं किया जिसका संज्ञान लिया जाए। जिस जंगलराज को खत्म करने के नाम पर नीतीश कुमार यहां काम कर रहे हैं उसी को फिर पीछे के दरवाजे से घुसाने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर राजनीतिक परिस्थितियां बदली तो नीतीश कुमार को बदलने में देर नहीं लगेगी। साल 2015 में नीतीश कुमार ने सदन में कहा था ‘मैं मिट्टी में मिल जाऊंगा, लेकिन भाजपा में नहीं जाऊंगा’ और 2 साल बाद वे बिना किसी वजह से भाजपा में चले गए। इसके बाद उन्होंने कहा की 2015-16 में जिस तरह खिड़की अरुण जेटली थे, ठीक उसी तरह राज्यसभा अध्यक्ष हरिवंश नारायण सिंह के माध्यम से वे भाजपा के संपर्क में है। अगर भविष्य में नीतीश कुमार को जरूरत पड़ी तो उन्हें गठबंधन बनाने और भाजपा में शामिल होने में 1 मिनट भी नहीं लगेगा। इसके साथ प्रशांत ने कहा की नीतीश कुमार की बस एक ही प्राथमिकता है कि मैं मुख्यमंत्री बना रहा हूं, बाकी राज्य में जो चलता है वह चलता रहे अफसरशाही चलती रहे।
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