बिहार के जहानाबाद में डबल सिलेंडर विस्फो’ट से एक गांव द’हल गया। जिले के रतनी प्रखंड के शकुराबाद थाना अंतर्गत नोआवां गांव के निवासी लालदेव शर्मा के घर में रसोई गैस सिलेंडर फ’ट जाने से आ’ग लग गयी। जिसमे झुल’सकर पांच लोग घा’यल हो गए।
मिली जानकारी के मुताबिक, घर से लगी आ’ग से जान बचाने के लिए छत से कूद जाने से एक युवक घा’यल हो गए। छत से कूदे युवक भोला कुमार का पैर टूट गया। अन्य घाय’लों में गोलू शर्मा, मुकेश कुमार, गणेश शर्मा, संटू साव एवं अंकित शर्मा शामिल हैं। सभी इसी गांव के निवासी हैं। इस घटना में युवक मुकेश, संटू और गणेश गंभीर रूप से घायल हुए हैं। गंभीर रूप से ज’ख्मी गणेश शर्मा को पटना रेफर किया गया है।
इस घ’टना की सूचना पाकर एसडीपीओ अशोक कुमार पांडेय, रतनी प्रखंड की सीओ कौशल्या कुमारी, बीडीओ गायत्री देवी, शकूराबाद के थानाध्यक्ष दीपक कुमार घट’नास्थल पर जाकर मामले की तहकीकात की। शकूराबाद और जहानाबाद से छोटे-बड़े दो दमकल कर्मी वहां पहुंचे और मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
सिलेंडर विस्फो’ट होने और आ’ग लगने की घट’ना ग्रामीण लालदेव शर्मा के मकान के ऊपरी तल्ले पर एक खपड़ैल कमरे में हुई थी। इस घ’टना के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई। सदर अस्पताल में भी बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लग गई। फिलहाल घा’यलों को सदर अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है उनका इलाज किया जा रहा है।
घ’टना के संबंध में बताया गया है कि लालदेव शर्मा के मकान के ऊपरी तल्ले पर एक खपड़ैल कमरा है जहां चार रसोई गैस सिलेंडर रखा हुआ था। आ’ग कैसे लगी, इसके बारे में लोग स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार कमरे में रखे सिलेंडर में आ’ग लग जाने और धुआं देख घर के लोगों ने हल्ला मचाया। ग्रामीण जूट गए। आ’ग बुझाने की कोशिश की। एक सिलिंडर को लोगों ने कमरे से निकाल और उसी क्रम में दूसरा सिलिंडर विस्फो’ट कर गया। लोग अपनी – अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। उसी क्रम में भोला कुमार शर्मा मकान के पीछे कूद पड़े जिसमें उनका पैर टूट गया। अन्य पांच लोग विस्फो’ट के बाद आग से झु’लसकर ज’ख्मी हो गए।
सूचना पाते हीं शकूराबाद से एक छोटा दमकल घट’नास्थल पर पहुंचा लेकिन खपरैल मकान में लगी आ’ग पर नियंत्रण नहीं हो सका। फिर जहानाबाद से एक बड़ा दमकल भी वहां पहुंचा, तब फिर मशक्कत के बाद आ’ग पर काबू पाया गया। इधर आग से झुलसे और कूदने से घा’यल हुए सभी छह लोगों को लोगों ने आनन-फानन में इलाज के लिए सदर अस्पताल में लाया। सिलें’डर में आ’ग लगने की घट’ना कैसे हुई, इसकी गहराई से जांच की जा रही है।
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