आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और बिहार में डिप्टी सीएम उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव आने वाले समय में 25 साल पुरानी अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और उसके चुनाव चिह्न लालटेन को टाटा-गुडबाय कर सकते हैं। 25 साल पहले जिस राष्ट्रीय जनता दल को लालू यादव ने बनाया और जिस लालटेन को राजद का चुनाव चिह्न बनाया, अब वो उसी का नाम और पहचान निशान बदलने की खामोश तैयारियों में लगे हैं।
ऐसा क्यों हो सकता है, इसको लेकर कई तरह के कयास हैं लेकिन सबसे खास ये है कि आने वाले समय में बिहार की तीसरी बड़ी पार्टी नीतीश कुमार की जेडीयू लालू-तेजस्वी की राजद के साथ मिलकर तीसरी नई पार्टी बना सकते हैं जिसका चुनाव चिह्न ना लालटेन हो, ना तीर। जिसका नाम ना आरजेडी हो, ना जेडीयू।
दिल्ली में 10 अक्टूबर को राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय सम्मेलन में लालू यादव लगातार 12वीं बार आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गुए। इस दौरान खुले सत्र में हजारों आरजेडी कार्यकर्ताओं और नेताओं की मौजूदगी में लालू के हनुमान कहे जाने वाले आरजेडी नेता भोला यादव ने संविधान संशोधन का एक चौंकाने वाला प्रस्ताव रखा।
ये तालियों की गड़गड़ाहट के बीच पास हो गया लेकिन इसकी उतनी चर्चा नहीं हुई क्योंकि पार्टी के द्वारा मीडिया को जारी बयान या प्रस्ताव में इसका जिक्र नहीं था। भोला यादव वही नेता हैं जिन्हें सीबीआई ने कुछ महीने पहले लालू के रेलमंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया था।
Be First to Comment