जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो. नवीन कुमार आर्य को अतिपिछड़े वर्गों के लिए राज्य आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद, मुंगेर के पूर्व जिला जदयू अध्यक्ष ज्ञानचंद पटेल तथा राजद नेता तथा कटिहार के पूर्व जिलाध्यक्ष तारकेशर ठाकुर को राज्य आयोग का सदस्य बनाया गया है।
इसे लेकर महगठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राजद ने नाराजगी जाहिर की है। राजद ने आ’रोप लगाया है कि इस आयोग में उसे जगह नहीं मिली है। साथ ही यह भी आरो’प लगाया है कि महागठबंधन सरकार में दो आयोग का गठन हुआ, किसी में भी राजद को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला।
राजद नेता प्रोफेसर रामबली चंद्रवंशी ने कहा कि महागठबंधन की सरकार में राजद एक बड़ी पार्टी है। अनुसूचित जन जाति आयोग के अध्यक्ष जब जेडीयू से बन चुके थे तो अभी जो अति पिछड़ा वर्गों के लिए आयोग का गठन हुआ, उसका अध्यक्ष राजद से होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम इस बात को पार्टी के आला नेतृत्व तक पहुंचाएंगे।
गौरतलब है कि नगर निकाय चुनाव में आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट में दायर पुनर्विचार याचिका को राज्य सरकार ने वापस ले लिया है। साथ ही सरकार ने कोर्ट में कहा है कि अति पिछड़ा वर्ग आयोग (ईबीसी आयोग) को ही राजनीतिक पिछड़ेपन के अध्ययन के लिए समर्पित आयोग का दर्जा दे दिया गया है। इसके सदस्यों के रिक्त पदों पर नियुक्ति कर दी गई है।
निकाय चुनाव पर सरकार को पराजित होना पड़ा: सुशील मोदी
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आ’रोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना कर बिहार में अतिपिछड़ों को आरक्षण दिये बिना चुनाव कराने की जिद पर अड़ी सरकार को हाईकोर्ट में पराजित होना पड़ा। कहा कि यदि सरकार ने विशेष आयोग बनाने का निर्णय पहले कर दिया होता तो यह फज़ीहत नहीं होती। कोर्ट ने राज्य सरकार के अहंकार को तोड़ दिया।
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