बिहार के भागलपुर में स्थित शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में दबं’ग बंदियों ने जेल पुलिस पर हम’ला कर दिया और जेल के अपने क’ब्जे में लेने की कोशिश की। घ’टना में जेल के तीन कक्षपाल ज’ख्मी हो गए। घट’ना सोमवार की है। बंदियों के ह’मले के बाद जेल में पगली घंटी बजानी पड़ी। उसके बाद जेल के पदाधिकारियों और बीएमपी के जवानों ने बल प्रयोग करते हुए बंदियों को शांत कराया। घटना को लेकर जेल अधीक्षक युसूफ रिजवान ने 6 कैदियों के खिलाफ बरारी थाने में केस दर्ज कराया है। उनपर हत्या का प्रयास और सरकारी कार्य में बाधा आदि की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
हम’ले में घा’यल होने वाले जेल के कक्षपालों में विकास कुमार, अंशु कुमार और विकास कुमार सिंह शामिल हैं। जिन बंदियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है उनमें मोनू झा, अशोक झा उर्फ आलोक झा, राजू कुमार, मो छोटू, प्रफुल्ल कुमार झा और विक्रम यादव शामिल हैं। मुख्य आरोपी मोनू झा पर शराब, अपहरण और आर्म्स एक्ट के आरोप में केस है। वह लगभग दो साल से जेल में बंद है।
कपड़ा सुखाने से मना किया तो भिड़ गया कैदी
जेल अधीक्षक ने पुलिस को दी सूचना में बताया है कि संसीमित सजावार बंदी मोनू झा सोमवार को जेल के इनक्लोजर वॉल पर कपड़ा सुखा रहा था। उसी दौरान वह हाथ में खैनी भी बना रहा था। कक्षपाल विकास कुमार ने उस बंदी को वहां से कपड़ा हटा लेने को कहा। बस उसी बात को लेकर बंदी ने कक्षपाल को धमकी देना शुरू कर दिया और कहने लगा कि तुम्हारी नौकरी खा जाऊंगा। कक्षपाल ने उसे समझाने की कोशिश की पर वह नहीं माना और ईंट उठाकर अपने सिर में मारने लगा, उसका सिर भी फट गया।
उसी दौरान मोनू का साथी बंदी अशोक झा भी पहुंच गया और कक्षपाल से भिड़ गया। वह कक्षपाल की वर्दी फाड़ने लगा। ऐसा होता देख अन्य कक्षपाल अंशु कुमार और विकास सिंह वहां पहुंचे। कक्षपालों को आते देख बंदी के अन्य साथी राजू, मो छोटू, विक्रम और प्रफुल्ल भी वहां पहुंच गए और जेलकर्मियों पर जानलेवा हमला कर दिया। जेल अधीक्षक ने पुलिस को लिखित दिया है कि उन बंदियों ने कारा को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की।
डंडे चलाकर कैदियों को काबू में किया गया
शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में बंदियों के हमले के बाद पगली घंटी बजाई गई। घंटी बजते ही सुरक्षा बल सतर्क हो गए। उसके बाद अधीक्षक के नेतृत्व में जेल उपाधीक्षक, सहायक अधीक्षक, बीएमपी जवान और रिजर्व बल जेल के अंदर पहुंचे और हमला करने वाले बंदियों पर डंडा चलाकर उन्हें शांत कराया। अधीक्षक का कहना है कि बंदियों द्वारा कक्षपालों पर हमला मॉब लिंचिंग का मामला बन सकता था। बल प्रयोग करने के बाद बंदी शांत हुए।
जख्मी जेल कक्षपालों को इलाज कराया गया। खुद को जख्मी करने वाले बंदी का भी जेल प्रशासन ने इलाज करवाया। प्रभारी जेल अधीक्षक और शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा के उपाधीक्षक अशोक सिंह ने बताया कि तीन कक्षपाल घटना में घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि हल्के बल प्रयोग के बाद बंदी शांत हुए। बरारी थाने में आरोपी बंदियों पर केस दर्ज कराने की बात भी उन्होंने कही।
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