बिहार में बढ़ रही हर साल पर्यटकों की संख्या को देखते हुए पर्यटन विभाग ने नई कार्य योजना बनाई है। इसके तहत विभाग ने तय किया है कि सभी पर्यटन स्थल को अब स्थानीय संस्कृति से जोड़ा जाए ताकि पर्यटकों को इसकी जानकारी मिल सके।
चूंकि बिहार की संस्कृति काफी समृद्ध और फैली हुई है, जिसमें मिथिला पेंटिंग, नृत्य, कला और हर जगह का अपना रहन-सहन व खान-पान है। इसलिए विभाग ने पर्यटन स्थलों पर इसे तस्वीरों के माध्यम से दर्शाने का निर्णय लिया है।
मिथिला पेंटिंग से खूबसूरत दिखेगा होटल व रेस्टोरेंट
विभाग अपने सभी होटल व रेस्टोरेंट को नये सिरे से सुंदर बनाने में जुटा है। होटल को सुंदर बनाने के लिए मिथिला पेंटिंग का सहारा लिया जायेगा। इसके लिए छात्रों को मौका देने का निर्णय लिया गया है। 15 अगस्त के बाद इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा।
विभाग होटल और रेस्टोरेंट को दोबारा से लीज पर देगा जिसमें पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने व सुरक्षा को प्राथमिकता दी जायेगी। वहीं, खान-पान का रेट भी बाहर के खाने से कम होगा। विभाग ने पर्यटकों को सुविधा पहुंचाने के लिए सभी जिलों में एक-एक पर्यटन केंद्र खोलने का निर्णय लिया है जहां से राज्य के सभी पर्यटन केंद्रों की जानकारी पर्यटकों को मिलेगी।
टॉप 10 में पहुंचा बिहार
पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार विदेशी पर्यटकों के आने के मामले में बिहार देश के शीर्ष 10 राज्यों में शामिल है। सबसे अधिक विदेशी पर्यटक महाराष्ट्र आ रहे हैं। कुल विदेशी पर्यटकों में महाराष्ट्र आने वालों की संख्या 17.6 फीसदी है। इसके बाद तामिलनाडु है। यहां 17.1 फीसदी विदेशी पर्यटक आ रहे हैं।
तीसरे पायदान पर उत्तरप्रदेश है।यूपी में 12.4 फीसदी विदेशी पर्यटक आ रहे हैं। जबकि बिहार में विदेशी पर्यटकों के आने का अनुपात 4.2 फीसदी है जो गोवा से अधिक है। देश के शीर्ष 10 राज्यों में बिहार नौवें पायदान पर है जबकि गोवा दसवें पायदान पर है। गोवा में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 4.1 फीसदी है।
Be First to Comment