मुजफ्फरपुर: मरीजों और उनके तीमारदारों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी किस हद तक जा सकते हैं, इसकी जीती जागती तस्वीर यूपी के कुशीनगर से सामने आई है। जिले के तमकुहीराज सीएचसी पर जो नजारा दिखा उसने यहां तैनात कर्मचारियों की संवेदनहीनता को बयां कर दिया।
दरअसल क’रंट लगने के बाद एक महिला ने अपने मासूम बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया था, यहां इसकी मौ’त हो गई। इसके बाद महिला ने जब उसके श’व को ले जाने के लिए एंबुलेंस लेने पहुंची तो उसे भगा दिया। आखिर में रोती-बिलखती महिला जिगर के टुकड़े को कंधे पर लादकर अस्पताल से चली गई, लेकिन किसी कर्मचारी ने भी उसके इस हाल पर तरस नहीं खाया।
मुजफ्फरपुर बिहार निवासी ओहाब अंसारी नगर पंचायत तमकुहीराज के समउर रोड पर किराए की मकान में रहता है। वह पंक्चर बनाकर परिवार पाल रहा है। सोमवार को उसका पांच साल का बेटा नूर मोहम्मद खेलते-खेलते अचानक बिजली के करं’ट की चपे’ट में आ गया।
घट’ना के समय ओहाब अंसारी मौजूद नहीं था। उसकी पत्नी नेशा खातून बच्चे को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तमकुहीराज लेकर पहुंची, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। चिकित्सकों ने परीक्षण के बाद बच्चे को मृ’त घोषित कर दिया।
आरोप है कि स्वास्थ्यकर्मियों ने बच्चे की मौत होने की जानकारी उसकी मां को देने के साथ ही सीएचसी से उसे तत्काल जाने को कह दिया। शासन के निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्यकर्मियों को शव एंबुलेंस से घर तक भेजना चाहिए था पर यूं ही लौटा दिया। रोती-बिलखती मां अपने मृत बेटे को कंधे पर रखकर अस्पताल से बाहर निकली।
हालांकि, करीब पांच सौ मीटर पैदल चलने के बाद एक बाइक सवार ने संवेदना दिखाई और उसे शव के साथ साथ घर तक पहुंचाया। तमकुहीराज सीएचसी अधीक्षक डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। पता कराता हूं। जिसकी लापरवाही पाई जाएगी, उस पर कार्रवाई होगी।
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